“सिर्फ इंसान ही गलत नहीं होते, वक्त भी गलत हो सकता है।” 29 अप्रैल, 2020 का दिन भारतीय कला जगत को एक ऐसा ज़ख्म देकर गया जिसकी भरपाई करना मुश्किल हैं। जिस बॉलीवुड में बिना किसी पहचान एवं पहुंच के… Read More

“सिर्फ इंसान ही गलत नहीं होते, वक्त भी गलत हो सकता है।” 29 अप्रैल, 2020 का दिन भारतीय कला जगत को एक ऐसा ज़ख्म देकर गया जिसकी भरपाई करना मुश्किल हैं। जिस बॉलीवुड में बिना किसी पहचान एवं पहुंच के… Read More
मार्च में महामारी से जूझने के बाद सभी के लिए अप्रैल का महीना काफी उम्मीदों भरा था क्योंकि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने की आशंका जताई जा रही थी और चरमराती हुई अर्थव्यवस्था भी अपनी अंतिम साँसे गिन रही… Read More
जो कुछ भी दे जिंदगी, उसे आपस में बाँट लो। अपना हक़, अपना हिस्सा, सब बराबर माप लो।। दुःख हो, या सुख, गम्म हो या हो ख़ुशी। सबके अपने आँसू हैं, सबकी अपनी हंसी। भाग्य की अपनी किस्मत नहीं, कर्म… Read More
राजस्थान के एक पठान परिवार में जन्म लेने वाला ये लड़का शुद्ध शाकाहारी था । पिता जी अक्सर चिढाते हुए कहते थे कि पठान के परिवार में ब्राह्मण ने जन्म लिया है। सब ठीक चल रहा था, नेशनल स्कूल ऑफ… Read More
रिश्तों में भरोसा और मोबाइल में नेटवर्क न हो तो लोग गेम खेलने लगते हैं। (फ़िल्म ‘जज़्बा’) जिंदगी भी कब कौन सा गेम खेल जाए पता ही नहीं चलता। अपने आप को भले ही हम कितना भी बड़ा खिलाड़ी समझे… Read More
कितनी जाने लेकर जाओगे तुम कोरोना, कितना और जुल्म बढ़ाओगे तुम कोरोना, बेबस -लाचारों की रोजी-रोटी को छीन कर, किस तरह से खुश रह पाओगे तुम कोरोना? हमारे ही कुछ अमानवीय, सतत् नरसंहार से, हो रहे जीव – जंतुओं पे,… Read More
अस्पताल में पहुंचते ही मोहन एक हाथ से गले में पड़े गमझे को निकल कर मुँह पोछता है, लेकिन अपने 10 माह के बेटे माधव को नीचे उतारे बिना ही नर्स से बड़ी ही जल्दबाजी में पूछता है “मैडम डाक्टर… Read More
मुझे मेरे कुछ मित्रों ने फोन करके सूचित किया है कि उन्हें ऐसे ई-मेल मिले हैं, जिनमें मेरी ओर से किसी कंपनी के कार्ड खरीदने या आर्थिक सहायता करने का आग्रह किया गया है। मैं स्पष्ट कर दूँ कि इस… Read More
‘सचिन तेंदुलकर’ वो शख्स जिसने ‘जंग’ में भी जायज़ को जायज़ और नाजायज को नाजायज माना मरिया शेरेपोवा की बात छोड़ दें तो शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसने सचिन तेंदुलकर का नाम नहीं सुना होगा। वो कहते हैं… Read More
नीद में हूँ मगर सोने नही देता । करोना है कि बाहर जाने नही देता । मैं मर जाऊ मुझे कोई गम नही, डर है कि अपनों को रोने नही देता । ख़ौफ़ इतना कि ख़्वाबों में ख़ौफ़ है ।… Read More