लघु कथा : बेइंतहा प्यार

डीएम ऑफिस से आने के बाद से ही दीपमाला बहुत दुखी और परेशान थी। वह आईने के सामने खड़ी होकर अपने ढलते यौवन और मुरझाए सौंदर्य को देखकर बेतहाशा रोए जा रही थी। ऐसा लग रहा था मानो वह आईने… Read More

लोरी : नन्हे राजकुमार

मेरे नन्हे से राजकुमार करता हूं मैं तुमसे प्यार जब भी देखूं मैं तुझको  ऐसा लगता है मुझको  था मैं अब तक बेचारा और क़िस्मत का मारा आने से तेरे हो गया है दूर जीवन का हर अंधियार मेरे नन्हे… Read More

त्याग और समर्पण के प्रतिमूर्ति महात्मा हंसराज…

आर्य समाज भारतीय समाज और जनजीवन को दिशा प्रदान करने का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है। शिक्षा जगत में आज डीएवी संस्था जैसी कोई दूसरी संस्था नहीं है। डीएवी सिर्फ उच्च शिक्षा ही नहीं देता बल्कि विद्यार्थियों के अंदर… Read More

भजन : भक्ति में शक्ति

भक्ति में शक्ति बहुत है, भक्तों की सुनते है पुकार। दुनियाँ के पालन हारी, करते है कृपा तुमसब पर।। जयबोलो जयबोलो जयबोलो, आचार्यश्री की जय बोलो।। जो पूर्व में है पूर्व वाले, पश्चिम वाले उन्हें नमन करे। देख ये उत्तर… Read More

गीत : बनारस की गली में

बनारस की गली में  दिखी एक लड़की  देखते ही सीने में आग एक भड़की कमर की लचक से  मुड़ती थी गंगा  दिखती थी भोली सी पहन के लहंगा मिलेगी वो फिर से दाईं आंख फड़की बनारस की गली में… पुजारी… Read More

गीत : आज में जिओ

जो इंसानों को सिर्फ,  काम से ही जानते। उनके नामो से वो, नहीं रखते है मतलब। काम से काम तक, ही रखते है मतलब। ऐसे इंसानों को, आप क्या कहेंगे? जो सिर्फ कामों को, ही सराहते है। और अपनी इंसानियत,… Read More

poster-jhalki

फ़िल्म रिव्यू : सिनेमाई पर्दे का खूबसूरत अहसास है झलकी

निर्माता : ब्रम्हानंद एस सिंह और आनंद चैहाण निर्देशक : ब्रम्हानंद एस सिंह और तनवी जैन कलाकार : बोमन ईरानी,तनिष्ठा चटर्जी, संजय सूरी, जौयसेन गुप्ता, दिव्या दत्ता, गोविंद नाम देव,यतिन कर्येकर, अखिलेंद्र मिश्रा, बचन पचेरा, बाल कलाकार आरती झा और… Read More

कविता : शमा जाऊँगी

कभी उन्होंने देखा ही नही,  मुझे उस नजर से। जिसकी मैं उनसे, चाहत रखती हूँ। हूँ खूबसूरत तो क्या, जब उनकी निगाहें। मुझे पर ठहरती नहीं। तो क्या जरूरत ऐसे, रूप और यौवन का ? चंदन सा सुगन्धित मेरा बदन।… Read More

मूवी रिव्यू : राक्खोश

सायकॉलॉजिकल थ्रिलर फ़िल्म है – राक्खोश मशहूर मराठी लेखक नारायण धड़प की कहानी ‘पेशेंट नंबर 302’ पर बनी सायकॉलॉजिकल थ्रिलर फ़िल्म राक्खोश तुम्बाड़ के बाद एक अच्छी हॉरर-ड्रामा फ़िल्म आई है। जो इस जॉनर की सबसे अच्छी हॉरर फिल्मों में… Read More