‘सचिन तेंदुलकर’ वो शख्स जिसने ‘जंग’ में भी जायज़ को जायज़ और नाजायज को नाजायज माना
मरिया शेरेपोवा की बात छोड़ दें तो शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसने सचिन तेंदुलकर का नाम नहीं सुना होगा। वो कहते हैं न ‘सिर्फ नाम ही काफी है वही’ सचिन के लिए ये कथन बिलकुल सच है। मुझे याद है जब छोटा था तब एक फिल्म रिलीज होने वाली थी, हल्ला ये मचा कि फिल्म में सचिन काम कर रहे हैं। तब बाल की खाल निकलने के लिए ना इतने न्यूज चैनल थे और ना ये इंटरनेट इतना प्रचलित था। यही कारण था कि मेरे साथ और कई सचिन प्रशंसक उस फिल्म का इंतजार करने लगे। ये तो फिल्म आने के बाद पता चला कि ये क्रिकेट वाले सचिन की नहीं बल्कि नदिया के पार वाले सचिन की  फिल्म है।
इतना ही नहीं 2012 में विभु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘फरारी की सवारी’ जिसमे शरमन जोशी लीड रोल में थे को आधे से कई लोगों ने तो सिर्फ इसलिए देखा क्योंकि उसमे सचिन की वो ‘360 मोडेना फरारी’ थी जो 2003 में माइकल शुमाकर ने उन्हें उपहार स्वरूप भेंट की थी। बीच में ये अटकलें भी लगायी गयीं कि सचिन खुद इस फिल्म में कुछ देर के लिए दिखाई देंगे। लेकिन बाद में सचिन ने इस बात से इंकार कर दिया। लेकिन फिर भी उनकी फरारी को देखने के लिए कई लोगों ने ये फिल्म देखी। तो ये जलवा है सचिन के नाम का।
कुछ इस तरह लेते थे बदला
केवल सचिन द्वारा बनाए गए रिकार्ड ही उन्हें महान नहीं बनाते बल्कि मैदान पर उनके रवैये और उनके अनुशासन ने भी हमेशा उन्हें अन्य खिलाडियों से महान साबित किया। ये अनुशासन बचपन से उनमें नहीं था। वो बचपन में आम बच्चों की तरह ही शरारती थे। किन्तु उनके कोच ने उन्हें ऐसा सबक दिया कि उनके बाद सचिन ने केवल क्रिकेट को गंभीरता से ही नहीं लिया अपितु अनुशाषित भी बने और मैदान पर अपनी रिकार्डों के अलावा अपनी आदमियता और अनुशासन के कारण भी कई मिसालें कायम की। वो अपने प्रतिद्वंदियों द्वारा उड़ाए गए मजाक का जवाब भी मुस्कुरा कर देते थे। और ये जवाब जुबानी नहीं बल्कि उनके बल्ले से दिया जाता था। ऐसा ही एक किस्सा है साल 2007 के अक्टूबर महीने का। तब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच श्रृंखला चल रही थी। इसी सीरीज में तीसरा वनडे मैच 5 अक्टूबर को राजीव गाँधी इंटरनेशनल स्टेडियम, हैदराबाद में हुआ था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 290 रन का स्कोर खड़ा किया। जवाब में भारतीय क्रिकेट टीम बैटिंग करते हुए लक्ष्य का पीछा कर रही थी।
24वें ओवर में सचिन तेंदुलकर बैटिंग कर रहे थे और ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हॉग बॉलिंग कर रहे थे। इस ओवर की लास्ट बॉल पर सचिन हिट करना चूक गये, बाल सीधे स्टंप पर जा लगी और सचिन बोल्ड हो गये। सचिन के आउट होने से ब्रैड हॉग की खुशी का ठिकाना नहीं, आखिर उसने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले खिलाड़ी का विकेट लिया था। ऑस्ट्रेलिया यह मैच 47 रन से जीत गयी थी।
इस मैच के अगले दिन दोनों देश की क्रिकेट टीम नेट प्रैक्टिस कर रही थीं। नेट प्रैक्टिस के दौरान ब्रैड हॉग सचिन के पास एक फोटो पर सचिन का ऑटोग्राफ लेने आया। यह फोटो एक दिन पहले सचिन को आउट करने की थी। सचिन ने फोटो पर एक लाइन लिखकर नीचे ऑटोग्राफ दे दिया। सचिन ने फोटो पर लिखा – This will never happen again, Hoggy (ये अब दुबारा कभी नहीं होगा, हॉगी) और वाकई ये दुबारा कभी नहीं हो पाया। इस सीरीज के बाद सचिन और ब्रैड हॉग एक दर्जन से भी अधिक बार एक दूसरे के खिलाफ खेले, लेकिन ब्रैड सचिन को आउट नहीं कर पाया। इस तरह सचिन ने बिना कोई बहस या व्यंग किये, बदला ले लिया।
कोच के कारण आया सचिन में बदलाव
सचिन की ये सहजता ये, अनुशासन ये सब उनके कोच की दें है। ऐसा सचिन ने खुद ट्विट कर के बताया था। वर्ष 2017 में किए इस ट्वीट में सचिन ने बताया- यह मेरे स्कूल के दिनों के दौरान बात थी। मैं अपने स्कूल (शारदाश्रम विद्यामंदिर स्कूल) की जूनियर टीम से खेल रहा था और हमारी सीनियर टीम वानखेडे स्टेडियम (मुंबई) में हैरिस शील्ड का फाइनल खेल रही थी। उसी दिन अचरेकर सर ने मेरे लिए एक प्रैक्टिस मैच का आयोजन किया था। उन्होंने मुझसे स्कूल के बाद वहां जाने के लिए कहा था। उन्होंने (अचरेकर सर ने) कहा, ‘मैंने उस टीम के कप्तान से बात की है, तुम्हें चौथे नंबर पर बैटिंग करनी है।’ सचिन ने बताया कि मैं उस प्रैक्टिस मैच को खेलने नहीं गया और वानखेडे स्टेडियम सीनियर टीम का मैच खेलने जा पहुंचा। मैं वहां अपने स्कूल की सीनियर टीम को चीयर कर रहा था। खेल के बाद मैंने आचरेकर सर को देखा, मैंने उन्हें नमस्ते किया। अचानक सर ने मुझसे पूछा, ‘आज तुमने कितने रन बनाए? ‘ सचिन के अनुसार- मैंने जवाब में कहा-सर,  मैं सीनियर टीम को चीयर करने के लिए यहां आया हूं। यह सुनते ही, अचरेकर सर ने सबके सामने मुझे डांट लगाई। उनके एक-एक शब्‍द अभी भी मुझे याद हैं।
सचिन ने बताया कि उन्होंने (आचरेकर सर ने ) कहा था , ‘दूसरों के लिए ताली बजाने की जरूरत नहीं है। तुम अपने क्रिकेट पर ध्यान दो। ऐसा कुछ हासिल करो कि दूसरे लोग, तुम्‍हारे खेल को देखकर ताली बजाएं।’ मेरे लिए यह बहुत बड़ा सबक था, इसके बाद मैंने कभी भी मैच नहीं छोड़ा। सचिन के अनुसार, सर की उस डांट ने मेरी जिंदगी बदल दी। इसके बाद मैंने कभी भी क्रिकेट प्रैक्टिस को लेकर लापरवाही नहीं की। परिणाम सबके सामने हैं। आचरेकर सर की इस डांट में जिंदगी का सार छुपा हुआ था। दूसरे शब्‍दों में कहें तो कोच रमाकांत अचरेकर की इस डांट ने ही सचिन तेंदुलकर को मास्‍टर ब्‍लास्‍टर बनाने में अहम योगदान दिया।
अपने जन्मदिन के दिन को बनाया था खास
24 अप्रैल 1973 को जन्मे सचिन तेंदुलकर का आज जन्मदिन है। आज का दिन केवल उनके जन्मदिन के लिए ही नहीं बल्कि उनके द्वारा खेली गयी बेहतरीन परियों में से एक पारी खेलने के लिए भी याद किया जाता है। 1998 में इसी तारीख को टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोका कोला कप का फाइनल मैच खेला था। इस मैच में सचिन ने 131 गेंदों पर ताबड़तोड़ 134 रन बना थे, जिसमें 12 चौके और तीन छक्के शामिल थे। सचिन तेंदुलकर की शानदार पारी की बदौलत मेन इन ब्लू ने फाइनल मुकाबला छह विकेट से अपने नाम किया था। इस मैच में सचिन ने डेमिंग फ्लेमिंग, टॉम मूडी, कास्प्रोविज शेन वार्न जैसे धुन्रंधर आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के छके छुड़ा दिए थे। खास तौर पर तत्कालीन दिग्गज स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न इसे आज तक नहीं भूल पाए। सचिन की इस पारी के बाद शेन वॉर्न का एक बयान बहुत लोकप्रिय हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सचिन तेंदुलकर उनके सपनों में आकर छक्के लगाने लगे हैं।
सचिन के नाम वैसे तो कई रिकार्ड हैं किन्तु ये कुछ रिकार्ड हैं जो शायद ही कोई अन्य खिलाड़ी तोड़ पाए :
1. एक साल में सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले खिलाड़ी
2. टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार 50 से ज्यादा के स्कोर बनाना
3. वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा 50 से ज्यादा के स्कोर
4. सबसे ज्यादा फिफ्टी
5. सबसे ज्यादा बार मैन ऑफ द मैच
6. सबसे ज्यादा बार मैन ऑफ द सीरीज
7. सबसे ज्यादा बार नाइंटीज का रिकॉर्ड
8. एक साल में सबसे ज्यादा वनडे शतक
9. वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा रन
कहते हैं क्रिकेट अनिश्चित्ताओं का खेल है और शायद इसी कारण ये भी संभव हो कि आने वाले समय में सचिन द्वारा बनाये गए रनों और अन्य रिकार्डों को कोई अन्य खिलाड़ी तोड़ दे। किन्तु समय समय पर सचिन ने मैदान पर और मैदान से बाहर जिस तरह इंसानियत और अनुशासन की मिसालें पेश की हैं उस तरह से कोई अन्य खिलाड़ी शायद ही कर पाए। आज सचिन के 47वें जन्मदिन पर हम उन्हें दिल से शुभकामनाएं देते हैं।
#फिर_दोबारा_से

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