क्यों हिंदी हिंदी करते हो, हिंदी का दम क्यों भरते हो, है तो बस एक भाषा ही, क्यों घमंड इसका करते हो। अस्तित्व है ये सिर्फ़ भाषा नही, प्रगति की है अब आशा यही, है जन जन को ये जोड़ती,… Read More
कविता : शिक्षक होना आसान नही है
शिक्षक होना आसान नही है, चरित्र होता निर्माण यही है, कांटों को भी फूल बना दे, मेहनत है वरदान नही है। अनुशासन में सीमित रहकर, बातें कुछ आंखों से कहकर, प्रेरणा का स्रोत है बनते, स्वयं की इच्छा को ना… Read More
कविता : कुछ बातें
कुछ बातें दिल में रही जब तक, कश्ती साहिल पर रही तब तक, जूझता रहा अंतर्मन में, शब्दों की कमी रही जब तक। आँखों से कुछ कहता कैसे, बिन बोले भी रहता कैसे, सागर जितनी मेरी बातें, ख़त में सबकुछ… Read More
कविता : जीना सीख
हर पल खुलकर जीना है, खुशियां और कहीं ना है, औरों की सुनना छोड़ दे, तू खुदमे एक नगीना है। तुझे ना मिलने का गिला भी है, जो चाहिए था वो मिला भी है, रहता है सुकून से झोपड़ी मे,… Read More
कविता : माँ कहती है
जाता हूँ जिन राहों पर चल के, माँ कहती है तुम चलना तन के। काँटों पर चलना सिखाती है मुझको, धूप आए मगर आँचल से छन के। कहती है मेरे पास है सब कुछ, निकलती नही वो कभी बन ठन… Read More
लघुकथा : अफ़साना
अफसाना… … ! जिसकी ज़िंदगी उसके नाम की तरह ही गुमनाम है और जिसका संघर्ष उसकी ज़िंदगी की तरह ही अनदेखा। वह एक छोटे से गाँव के निम्न वर्गीय या कह लीजिए शोषित वर्गीय परिवार की बेटी है। शिक्षा का… Read More
कविता : यीशु
भगवन कई, सुखीजन कई, तुमसा ना सृजन होगा; यीशु तुम हो साथ अगर, दुखी ना कोई निर्धन होगा। सेवा करना धर्म सिखाया, निर्बल ने भी संबल पाया, जीवन मे जब बाधा आई, तुमने ही सही मार्ग दिखाया। करते है हम… Read More
कविता : बच्चे
चलो हम फिर से बच्चे बन जाते है, बीती उम्र का लुत्फ उठाते है। करते है कुछ हरकतें बचकानी, शरारतों से हम सबको सताते है। रोते है एक डाँट से फिर हम, मुस्कान से दिल जीत जाते है। भूलके जीवन… Read More
मुक्तक ज़माना, लेखन और हुनर
ज़माना “हम सब ज़माने की शर्तों पर चल रहे है, जैसे पान में कत्थे के संग चुना मल रहे है, वक़्त बदला नही है किसी का अभी तक, लेकिन हम सब वक़्त के साथ बदल रहे है।” लेखन “अभी लेखन… Read More
संस्मरण : पूर्णिमा की आंधेरी रात
आज तुम्हे एक रात की बात बताता हूँ जो थी तो पूर्णिमा की रात लेकिन मेरे जीवन की वो सबसे आंधेरी रात थी। ये बातें मैं सिर्फ तुमसे कह रहा हूँ क्योंकि तुम्हारे सिवा कोई भी मेरे इतने करीब नही… Read More