कुछ बातें दिल में रही जब तक,
कश्ती साहिल पर रही तब तक,
जूझता रहा अंतर्मन में,
शब्दों की कमी रही जब तक।
आँखों से कुछ कहता कैसे,
बिन बोले भी रहता कैसे,
सागर जितनी मेरी बातें,
ख़त में सबकुछ लिखता कैसे।
दूर से देख जब मुस्कुराता हूँ,
हक़ीक़त में नही जी पाता हूँ,
ख़ामोश हूँ मग़र ख़्वाबों में,
हद से आगे बढ़ जाता हूँ।”