लगा है सावन का महीना
विचारो में आस्था जगी है।
धर्म की ज्योति भी देखो
दिलों में जल उठी है।
तभी तो सावन में देखो
मंदिरो में भीड़ लगी है।
और प्रभु दर्शन पाने की
सभी में होड़ लगी है।।
झूका कर सिर अपना
प्रभु चरणों में रखते है।
और मन के भाव वो
प्रभु जी से कहते है।
फिर अपने कलश से वो
शिवजी पर जल छोड़ते है।
तभी तो आत्म शक्ति
एका एक बढ़ जाती है।।
धर्म का और कर्मो का
असर जीवन पर पड़ता है।
ये मानव जीवन है अपना
जो कर्मों से ही चलता है।
इसलिए तो ऋषि मुनिगण
कर्मों की बातें कहते है।
और सावन के महीने में
सादगी की बातें करते है।।