baldiwas

चलो हम फिर से बच्चे बन जाते है,
बीती उम्र का लुत्फ उठाते है।

करते है कुछ हरकतें बचकानी,
शरारतों से हम सबको सताते है।

रोते है एक डाँट से फिर हम,
मुस्कान से दिल जीत जाते है।

भूलके जीवन की हर चिंता,
चलिए मस्ती में खो जाते है।

अपने बचपन को याद कर,
आइए बाल दिवस मनाते है।

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