शिक्षक होना आसान नही है,
चरित्र होता निर्माण यही है,
कांटों को भी फूल बना दे,
मेहनत है वरदान नही है।
अनुशासन में सीमित रहकर,
बातें कुछ आंखों से कहकर,
प्रेरणा का स्रोत है बनते,
स्वयं की इच्छा को ना कहकर।
समस्याओं का करे निवारण,
विपदा का जो भी हो कारण,
नही चाहिए साज और सज्जा,
दिखने में बेहद साधारण।
चेहरे से मुस्कान न हटती,
चाहे कर लो जितनी मस्ती,
इनके जैसा कोई नही है,
इनकी सबसे अलग है हस्ती।
कभी पिता सा डांटा करते,
कभी माता सा मोह करते,
हमारे व्याकुल मनों के भीतर,
इतना प्रोत्साहन कैसे भरते।