वो चला था अपने घर को मगर पहुंच पाया क्या ? कितना कष्ट सहा है उसने कभी बताया क्या..? सारी मेहनत निचोड़ दी उसने पैरों को चलाने में, सांस फूलती रही उसकी अपनी व्यथा को बताने में..! अपनी मंज़िल बताने… Read More

वो चला था अपने घर को मगर पहुंच पाया क्या ? कितना कष्ट सहा है उसने कभी बताया क्या..? सारी मेहनत निचोड़ दी उसने पैरों को चलाने में, सांस फूलती रही उसकी अपनी व्यथा को बताने में..! अपनी मंज़िल बताने… Read More
मार्च में महामारी से जूझने के बाद सभी के लिए अप्रैल का महीना काफी उम्मीदों भरा था क्योंकि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने की आशंका जताई जा रही थी और चरमराती हुई अर्थव्यवस्था भी अपनी अंतिम साँसे गिन रही… Read More
आमतौर पर मार्च का महीना साल का सबसे तनावपूर्ण महीना माना जाता है क्योंकि इस महीने में अधिकतम निजी व्यावसायिक कंपनियों में वर्ष समाप्ति का काम ज़ोरो पर होता है और कर्मचारियों पर काफी दबाव भी रहता है, रही बात… Read More
जहाँ से इसकी शुरुआत हुई उस शहर का नाम वुहान है, आज महामारी बन चुका है ये और चपेट में सारा जहान है। दफ्तर बन्द हो गए सभी और सड़के भी वीरान है, घरों में दुबक चुके हैं लोग और… Read More
जहाँ से इसकी शुरुआत हुई उस शहर का नाम वुहान है, आज महामारी बन चुका है ये और चपेट में सारा जहान है। दफ्तर बन्द हो गए सभी और सड़के भी वीरान है, घरों में दुबक चुके हैं लोग और… Read More
रिया की उम्र अब 18 की हो चुकी थी, जहाँ एक ओर रिया की माँ को उसके ब्याह की चिन्ता सता रही थी वहीं रिया के पिता इस दुविधा मे फंसे हुए थे कि अपनी धर्मपत्नी की चिन्ता को दूर… Read More
तू चल अब तू आज़ाद है तेरे लिए ये दुनिया एक खुला आसमान है… रूकावटें आएँगी अभी रास्तो में कई उनसे घबराकर तू रुक ना जाना कहीं… वादों के रास्तों पे चलके तू कुछ दूर तक ही जाएगा लेकिन मेहनत… Read More