struggle

कविता : संघर्ष

वो चला था अपने घर को मगर पहुंच पाया क्या ? कितना कष्ट सहा है उसने कभी बताया क्या..? सारी मेहनत निचोड़ दी उसने पैरों को चलाने में, सांस फूलती रही उसकी अपनी व्यथा को बताने में..! अपनी मंज़िल बताने… Read More

मार्च और महामारी, अप्रैल में भी जारी…!!

मार्च में महामारी से जूझने के बाद सभी के लिए अप्रैल का महीना काफी उम्मीदों भरा था क्योंकि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने की आशंका जताई जा रही थी और चरमराती हुई अर्थव्यवस्था भी अपनी अंतिम साँसे गिन रही… Read More

लेख : मार्च महीना और महामारी…!!

 आमतौर पर मार्च का महीना साल का सबसे तनावपूर्ण महीना माना जाता है क्योंकि इस महीने में अधिकतम निजी व्यावसायिक कंपनियों में वर्ष समाप्ति का काम ज़ोरो पर होता है और कर्मचारियों पर काफी दबाव भी रहता है, रही बात… Read More

कविता : कुछ दिन

जहाँ से इसकी शुरुआत हुई उस शहर का नाम वुहान है, आज महामारी बन चुका है ये और चपेट में सारा जहान है। दफ्तर बन्द हो गए सभी और सड़के भी वीरान है, घरों में दुबक चुके हैं लोग और… Read More

कविता : कुछ दिन

जहाँ से इसकी शुरुआत हुई उस शहर का नाम वुहान है, आज महामारी बन चुका है ये और चपेट में सारा जहान है। दफ्तर बन्द हो गए सभी और सड़के भी वीरान है, घरों में दुबक चुके हैं लोग और… Read More

पिता का विश्वास

रिया की उम्र अब 18 की हो चुकी थी, जहाँ एक ओर रिया की माँ को उसके ब्याह की चिन्ता सता रही थी वहीं रिया के पिता इस दुविधा मे फंसे हुए थे कि अपनी धर्मपत्नी की चिन्ता को दूर… Read More

कविता : तू चल

तू  चल अब तू आज़ाद है तेरे लिए ये दुनिया एक खुला आसमान है… रूकावटें आएँगी अभी रास्तो में कई उनसे घबराकर तू रुक ना जाना कहीं… वादों के रास्तों पे चलके तू कुछ दूर तक ही जाएगा लेकिन मेहनत… Read More