हर पल खुलकर जीना है,
खुशियां और कहीं ना है,
औरों की सुनना छोड़ दे,
तू खुदमे एक नगीना है।
तुझे ना मिलने का गिला भी है,
जो चाहिए था वो मिला भी है,
रहता है सुकून से झोपड़ी मे,
और ख्वाहिशों का किला भी है।
जीवन से क्या डरना है,
पहले जीना फ़िर मरना है,
कोशिशों का दामन थामे रख,
हर आँखों मे यहाँ सपना है।