श्रद्धेय गुरुवर व हिंदी के अनथक योद्धा धनंजय जी को अंतिम प्रणाम!!! श्रद्धेय गुरुवर प्रोफेसर धनंजय वर्मा की चिर विदाई ने साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। उनका जाना, एक युग का समाप्त हो जाना है।उनकी जिंदादिली मशहूर थी।… Read More

श्रद्धेय गुरुवर व हिंदी के अनथक योद्धा धनंजय जी को अंतिम प्रणाम!!! श्रद्धेय गुरुवर प्रोफेसर धनंजय वर्मा की चिर विदाई ने साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। उनका जाना, एक युग का समाप्त हो जाना है।उनकी जिंदादिली मशहूर थी।… Read More
गुरु पद, गोविंद से बड़ा, गोविंद गुरु अनेक। गर गुमान/गुरुर गुरु से अलग, गोविंद ऊपर पेठ। बने मनुष जो मनुष मन, अहं, काम क्या काम। मृत्युलोक तब स्वर्ग सम, *अजस्र* पुरुषार्थी राम। +460
ज़िन्दगी भी गूगल सर्च की तरह है, जितना सवाल पूछते जाओगे, समय आने पर, वह सभीका उत्तर देती जाएगी. 00
अरे बाप रे, आप तो कंचे खेलते हैं…! “क्यूं कंचे खेलना ग़लत है..? मैं तो ताश भी खेलता हूँ, तब तो ताश खेलना पाप हो जाएगा हैना..?” क्या..? ताश भी खेलते हैं, कल को जुआ भी खेलेंगे, हुंह! “तो क्या… Read More
‘अजस्र’ किरपा गणेश की, सारों सगरे काम । वाणी, मात-पिता सहित, लियो राम का नाम॥ ‘अजस्र’ शक्ति उस देवी से, सीता सत का नाम । कलम-मसी करते रहें, वीणापाणि प्रणाम ॥ ‘अजस्र’ बली तुम पवन से, शंकर-सुवन प्रणाम । ‘सवा-शतक’… Read More
बच्चों घबराना नहीं कोरॉना आया है नियम का पालन करो पहले तुम कितने हंसते खेलते, पढ़ते थे अब नियम बदल गए चार दिवारी में ही तुम्हें सबकुछ करना है खेल खिलौने मन बेहलाओ पशु पक्षियों से समय बिताओ घर के… Read More
करुणा सागर को धार बनाकर तुम भी लहरों सी हुंकार भरो जाज्वल्यमान ज्वाला बन कर मन के तम का संहार करो अबला ना समझो सबल हो तुम । नारी होने का अभिमान करो ।। उठो निडर तुम बढ़ो निडर तुम… Read More
मन की बातों को छुपा लिया पर नयनों को क्या समझाओगे अधरों मे दबे अपने भावो को जब शब्दों मे ना कह पाओगे तुम जो कहते थे मेरे जीवन में हर शब्द तुम्हीं हर भाव तुम्ही हो मेरी शक्ति मेरी… Read More
दिवस बदलते, माह बदलते, बदले कैलेंडर, बदले कई वार । चलो मनाएं ,नई सुबह पर, नए वर्ष का ,नया त्योहार । धरा वही ,आसमां वही है, लगे नया ,भव-पारावार । वर्ष नया , कैलेंडर बदला, सोच भी बदलें, अब की… Read More
मन-मग रहत , बस एक उलझन । हदय बस तब , चयन उस भगवन । जतन जब सरजन , अब अनवरत अर अनवरत । जग-जन चमन सद, बढ़त बस बरकत । ईश ,असलम , धन-धन ,सत-मदद । इस , उस… Read More