करुणा सागर को धार बनाकर
तुम भी लहरों सी हुंकार भरो
जाज्वल्यमान ज्वाला बन कर
मन के तम का संहार करो
अबला ना समझो सबल हो तुम ।
नारी होने का अभिमान करो ।।
उठो निडर तुम बढ़ो निडर
तुम रानी लक्ष्मीबाई समान बनो
राह में आती हर बाधा का
तुम सरल सहज समाधान बनो
अबला ना समझो सबल हो तुम।
नारी होने का अभिमान करो ।।
तुम जननी हो सुख करणी हो
हिमगिरि में लिपटी धरिणी हो
तुम कल्याणी तुम रुद्राणी
जग में उर्जा का संचार करो
अबला ना समझो सबल हो तुम।
नारी होने का अभिमान करो ।।