bache(1)

बच्चों घबराना नहीं
कोरॉना आया है
नियम का पालन करो

पहले तुम कितने हंसते
खेलते, पढ़ते थे
अब नियम बदल गए
चार दिवारी में ही तुम्हें
सबकुछ करना है

खेल खिलौने मन बेहलाओ
पशु पक्षियों से समय बिताओ
घर के कामकाज में हाथ बंटाना
कभी बढ़े होवोगे तो यही तुम्हारे
काम आएंगे

स्कूल भले छूट गए
बसता तुम्हें याद रहे हो सके
याद जरूर करना पढ़ना, लिखना
स्वयं किसी का सहारा लो भी तो
सोच समझकर तुम पढ़ो लिखो भी
मगर ध्यान से मोबाईल से दूर रहो
हो सके लिखने का अभ्यास डालो

यही तुम्हारे काम आएंगे
दुख दर्द को मिटाओ खुशियां
बांटो फिर दिन आएंगे तब तक
परिवार संग समय बिताओ
याद आते हैं वो बच्चों के साथ
पिकनिक जाना सर कहकर पुकारना
अब वैसा नहीं

बाल दिवस मनाकर सभी आपस
में मन बहलाव बढ़ो से सीखो कुछ
तुम्ही देश के भविष्य उनकी बात
कान में भरो समय विपरीत परिस्थितियों
से गुजर रहा
लगभग सामान्य सा होने लगा है
तब तक मन बहलाव दिन फिर आएंगे
समय का साथ चलो
बच्चो तुम्हीं से रौनक घर की, आंगन
की शोभा तुम्हीं, देश का मान बढ़ा कर
पग पग तुम्हारी किलकारियां सुने सब

सबकी आंखों के तारे बनकर
चारों ओर खुशियां बांटो
तुम्हारी जुस्तजू भी रहे
आरज़ू भी फूलों जैसे प्यारे बच्चो
सबकी आंखों के तारे बनकर।

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