लूटकर सब कुछ अपना, तेरी शरण मे आया हूँ। अब दवा दो या ये जहर, ये तेरे पर निर्भर करता है। तेरी रहमत पर ही जिंदा हूँ, इसलिए तेरा आभारी हूँ। और जिंदगी को अब, धर्मानुसार जी रहा हूँ।। न… Read More
कविता : हवाओं से
ठंडी हवाओं के झोंको से आ रही फूलों की महक। चिड़ियों की चहको से मिल गया आपका संदेश। दुआ करते है ईश्वर से कि हमें मिलता रहे। आपके जैसे दोस्त का स्नेह और प्यार।। दूर है दोनों के किनारे पर… Read More
कविता : शिक्षक दिवस
मनुष्य को अस्तित्व का एहसास जिससें होता हैं, मनुष्य को भविष्य का आभास जिससें होता हैं, भूत भविष्य वर्तमान का पहचान जिससें होता हैं, ओ ज्ञान धरा पर मनुष्य को एक शिक्षक से ही होता हैं। शिक्षक के सानिध्य में… Read More
ग़ज़ल : मैं भटका नहीं हूँ।
यारों ठोकरें खा कर भी,मैं ठहरा नहीं हूँ, भले ही अजीब हैं रास्ते,मैं भटका नहीं हूँ। ये आंधियाँ ये ज़लज़ले आते रहेंगे रोज़ ही, पर उड़ा न पाएंगे मुझे,मैं तिनका नहीं हूँ। मुझे हर तरफ से घेर लेती हैं पुरानी… Read More
कविता : शिक्षकों का योगदान
हूँ जो कुछ भी आज मैं, श्रेय मैं देता हूँ उन शिक्षकों को। जिन्होंने हमें पढ़ाया लिखाया, और यहाँ तक पहुँचाया। भूल सकता नहीं जीवन भर, मैं उनके योगदानों को। इसलिए सदा मैं उनकी, चरण वंदना करता हूँ।। माता पिता… Read More
गीत : प्रणव दा पर तीन घनाक्षरी छंद
पाया है भारत रत्न राष्ट्र के सपूत थे वे, दुनिया में भारत को गौरव दिला गए। राष्ट्रपति पांच साल तक रहे देश के वे, बुद्धिमत्ता से वे विश्व गगन पे छा गए।। आंग्लभाषा में लिखी है पुस्तकें प्रणवदा ने, जमाने… Read More
कविता : कैसे याद दिलाता नानी
मानव ने उत्पात मचाकर अब तक की मनमानी देखो आज करोना कैसे याद दिलाता नानी जब से इस अदृश्य विषाणु ने दुनिया को है काटा चौराहों पर खामोशी है सड़कों पर सन्नाटा धन-दौलत-सामर्थ्य सभी कुछ फिर भी है लाचारी हैं… Read More
कविता : कोई फर्क नही पड़ता
राजा रावण हो या राम कोई फर्क नहीं पड़ता जनता तो एक सीता है राजा रावण हुए तो पंचवटी से उठा ली जायेगी राजा राम हुए तो अग्नि परीक्षा के बाद भी ठुकरा दी जायेगी। राजा कौरव हों या पांडव… Read More
कविता : प्रेम दिल से होता है
मोहब्बत सूरत से नहीं होती है। मोहब्बत तो दिल से होती है। सूरत खुद प्यारी लगने लगती है। कद्र जिन की दिल में होती है।। मुझे आदत नहीं कही रुकने की। लेकिन जब से तुम मुझे मिले हो। दिल कही… Read More
गीत : मोक्ष जाने का पथ
छोड़ दो मिथ्या दुनियाँ , सार्थक जीवन के लिए। इससे बड़ा सत्य कुछ, और हो सकता नहीं। चाहत अगर प्रभु को पाने की हो । तो ये मार्ग से अच्छा कुछ, और हो सकता नहीं।। छोड़ दो…….।। मन में हो… Read More