दुनिया को खुश रखते-रखते ख़ुद ही गम में डूब गया हूँ स्वार्थ भरी दुनियादारी से मैं अब मन से ऊब गया हूँ इतना भी आसान नहीं है हँसना और हँसाते रहना भीतर-भीतर टूटते रहना बाहर से मुस्काते रहना घर-परिवार-समाज है… Read More

दुनिया को खुश रखते-रखते ख़ुद ही गम में डूब गया हूँ स्वार्थ भरी दुनियादारी से मैं अब मन से ऊब गया हूँ इतना भी आसान नहीं है हँसना और हँसाते रहना भीतर-भीतर टूटते रहना बाहर से मुस्काते रहना घर-परिवार-समाज है… Read More
जिस धरती पर लेकर के जनम ईश्वर भी हैं हर्षित होते जहाँ अपनी लीला करने को हैं देवता आकर्षित होते जहाँ नदियों का पावन संगम जहाँ सागर गाते हैं सरगम जहाँ पर प्रकृति पूजी जाती जहाँ पत्थर में भी मिलें… Read More
विद्यालय उपवन है ‘नैतिक’ शिक्षक इसके माली पुस्तक है दमदार उर्वरक बाग को दे हरियाली छात्र सुमन शोभा उपवन के लाल-गुलाबी-पीले नन्हे-मुन्ने, प्यारे-प्यारे कितने सुगंधित रंग-बिरंगे इन फूलों से सजती बाग की डाली विद्यालय उपवन है ‘नैतिक’ शिक्षक इसके माली… Read More
मानव ने उत्पात मचाकर अब तक की मनमानी देखो आज करोना कैसे याद दिलाता नानी जब से इस अदृश्य विषाणु ने दुनिया को है काटा चौराहों पर खामोशी है सड़कों पर सन्नाटा धन-दौलत-सामर्थ्य सभी कुछ फिर भी है लाचारी हैं… Read More
रुख हवाओं का ऐसे बदलने लगा सोना शीशे के साँचे में ढलने लगा लोग करने लगे कत्ल लग कर गले स्वार्थ रिश्तों को जमकर निगलने लगा देखकर उनकी रोटी परेशान हूँ दाल गलने लगी, मुल्क जलने लगा अब अँधेरे के… Read More
नकाब पर नकाब है, जनाब जिंदगी काटों भरा गुलाब है, जनाब जिंदगी दिन में दिखा देती है अँधेरा आजकल अजीब आफ़ताब है, जनाब जिंदगी अकसर मिला करती है बेवफाई बेशुमार कहने को लाजवाब है, जनाब जिंदगी दलान से दहलीज़ और… Read More
हे अधिनायक, सिद्धि विनायक कब लोगे अवतार हमारी आस तुम्हीं हो अटल विश्वास तुम्हीं हो स्वर्ग सरीखी इस धरती पर नर्क ने डाला डेरा पाप के हाथों पुण्य पराजित चारों ओर अँधेरा जग से अत्याचार मिटाओ करो पाप संहार हमारी… Read More
आज उसका ही बोलबाला है जो सर से पाँव तक घोटाला है उसके घर रोज ही दिवाली है अपने घर रोज ही दिवाला है अपनी संसद है बगुले भक्तों की तन उजला है जिगर काला है सुना है मुल्क के… Read More
ज़िंदा दिखते मगर मरे हैं ये कुछ लगाकर हरे-हरे हैं ये मीठी बातों से संभलकर रहिए मन में कड़वा ज़हर भरे हैं ये गले लगकर के गला काटेंगे घात विश्वास में करे हैं ये मन मुताबिक हैं आपकी बातें जाने… Read More
आज फिर प्रकट होओ भगवान आज फिर प्रकट होओ भगवान कृषकों पर आफत की आँधी ग्वालपाल परेशान आज फिर प्रकट होओ भगवान आज फिर प्रकट होओ भगवान जिधर देखिए उधर आजकल चीरहरण होता है कौरव का दल हँसे ठठाकर पाँडव-दल… Read More