नकाब पर नकाब है, जनाब जिंदगी
काटों भरा गुलाब है, जनाब जिंदगी
दिन में दिखा देती है अँधेरा आजकल
अजीब आफ़ताब है, जनाब जिंदगी
अकसर मिला करती है बेवफाई बेशुमार
कहने को लाजवाब है, जनाब जिंदगी
दलान से दहलीज़ और श्मशान तक
सारा लबोलोआब है, जनाब जिंदगी
जीना सिखा दिया है खुद को मार-मार कर
कैसे कहूँ खराब है, जनाब जिंदगी