पाया है भारत रत्न राष्ट्र के सपूत थे वे,
दुनिया में भारत को गौरव दिला गए।
राष्ट्रपति पांच साल तक रहे देश के वे,
बुद्धिमत्ता से वे विश्व गगन पे छा गए।।
आंग्लभाषा में लिखी है पुस्तकें प्रणवदा ने,
जमाने को नए कई सबक सिखा गए।
मान इसलिए ही तो देश ने दिया है उन्हें,
घर देश वासियों के दिलों में बना गए।।
देश की सेवा का व्रत आजीवन निभाया है,
रपटिली राहों में भी वे थे नहीं फिसले।
प्रणव दा महारथी ऐसे रहे रण में जो,
राह रोकने पे आए तो कभी नही टले।।
त्याग की वे मूरत थे इसीलिए तो वे यहां,
अनगिन धावकों से आगे सदा निकले।
अभिशाप गरीबी का याहो छुआछूत कावो,
मिटाने में सख्त रहे कभी नहीं पिघले।।
बने देश के प्रथम नागरिक एक दिन,
बिना कर्मफल कैसे होता ये बताइए।
राजनीति दल-दल सभी कहें लोग यहाँ,
बिना दाग लगे कौन आया समझाइए।।
प्रणव कुमार रहे कहते ये हमेशा ही,
अहिंसा के सुपथ पे जिंदगी बनाइए।
छोड़ा नहीं नजरिया डटे रहे अंत तक,
ऐसे नर श्रेष्ठ पर वारी-वारी जाइए।।
About Author
शिक्षा: एम.ए. एल.एल.एम
प्रकाशित पुस्तकें : उपन्यास–“तिकोन के रंग”(तीन उपन्यासों का संगृह)
गजल संगृह….”तसव्वुर”-“मशवरा””उदगार-”
कविता संगृह…”काश ऐसे जमानें हों”
प्रबंध काव्य…”सिपाही की आरजू”
फोल्डर..”अभिमन्यू का व्यूह भेदन”
व्यक्तित्व एवं कृतित्व.
.”रोशनी ए हक .हजरत बाबा शहाबुद्दीन रे.अ.”
.”सोनगिरी सरकार”
प्रकाशाधीन पुस्तकें -:
“अनन्त की कहानियां”..अनुभव प्रकाशन गाजियाबाद
उपन्यास…”हुकूमते हक”.अनुभव प्रकाशन गाजियाबाद
काव्य…-“भारत.७८६”..अनुभव प्रकाशन गाजिया बाद
व्यक्ति….”सरस्वती का पटवारी-बाल कवि बैरागी”-..प्रभात प्रकाशन दिल्ली—
सहयोगी प्रकाशन.
.”रसधारा”..कविता संगृह
.”नुपूर के स्वर”-..गजल संगृह
.”अपना अपना आकाश”-..कहानियां
“मेरा भी मत”(मतदान के प्रति चेतना)निखिल
प्रकाशन आगरा
“अश्क प्रीत के “..काव्य संग्रह
“प्रीत मीत के “.. काव्य संग्रह
“मेरी कलम से”..काव्य संगृह
“चमकते कलमकार”..काव्य संगृह
“मेरी भी कविता” भाग दो..काव्य संग्रह
“अनुभूति एक एहसास”..काव्य संग्रह
“अलविदा कोरोना”..काव्य संगृह
“शब्द सारथी”….काव्य संगृह
“कलमांकुर”…काव्य संगृह
“नव किरण” काव्य संगृह
पाण्डूलिपियां..गजल,घनाक्षरीछंद,शेर और मुक्तक ,कविताएं,जीवनियां.व्यक्तित्व और कृतित्व
संप्रति..अख्तर अली शाह एडवोकेट न्यायालय प्रांगण नीमच जिला नीमच पीन 458441(म.प्र.)