देखो देखो लोगो बैंकों का क्या हाल हो गया। लोगों के पैसे जमा होते हुए भी बैंक कंगाल हो गया। माध्यम वर्ग वालों की कमाई व्यापारी लेकर फरार हो गया। और चूना बैंक को के साथ ही मध्यमवर्गीयों को लगा… Read More
गीत : प्यार का खत
खत प्यार का एक हमने उनको लिखा। पर पोस्ट उस को अब तक नहीं किया। अपने अल्फ़ाजों को अपने तक सीमित रखा। बात दिल की अपनी उन तक पहुँच न सका।। डर बहुत मुझको उनसे और अपनों से लगता था।… Read More
कविता : जहर
दिल जिस से लगा उसे पा न सका। पाने की कोशिश में बदनाम हम हो गये। फिर जमाने वालों ने खेल मजहब का खेला। जिसके चलते हम दोनों को अलग होना पड़ा।। मोहब्बत करने वालों का क्या कोई मजहब होता… Read More
ग़ज़ल : वो किसी के नहीं होते
जो सबके होते हैं वो किसी के नहीं होते लोग दिखते हैं जैसे अक्सर वैसे नहीं होते मेरे जैसे दिलफेंक भी होते हैं कुछ शायर ग़ज़ल लिखने वाले सब दिलजले नहीं होते इब्तिदा-ए-इश्क़ में होते हैं वैसे आशिक़ जिनके ख़त… Read More
कविता : लाल बाग के राजा की महिमा
मन मोहक प्रतिमा है तेरी, मजबूर करे लाल बाग़ आने के लिए,दर्शन के लिए । मन मोहक प्रतिमा है तेरी ……….।। हर कोई तरसता रहता है, तेरी एक झलक दर्शन के लिए ,दर्शन के लिए , मन मोहक प्रतिमा है… Read More
ग़ज़ल : कफ़न उड़ा जाते तो क्या जाता
मेरी मौत पे अफ़सोस,जता जाते तो क्या जाता, अपने हाथों से कफ़न,उड़ा जाते तो क्या जाता। आँखें खुली रखी थीं यारा सिर्फ तेरे वास्ते मैंने, खुदा के वास्ते दीदार,करा जाते तो क्या जाता। जानता हूँ मैं कि हर चीज़ मिलती… Read More
कविता : तीन लोग
तीन लोग संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे और नारे लगा रहे थे एक कह रहा था हमें मंदिर चाहिए दूसरा कह रहा था हमें मस्जिद चाहिए और तीसरा कह रहा था हमें रोटी चाहिए कुछ वर्षों के बाद… Read More
कविता : घर मंदिर बन गये
कितने वर्षों से परंपराओं का, अनुसरण करते आ रहे हैं। और पूर्वजों की बनाई, रीतियों को निभाते आ रहे हैं। परन्तु वक्त ने कुछ, ऐसा खेल खेला कि अब हमारे घर ही मंदिर बन गए है। और धर्म साधना व… Read More
कविता : चाहत का पता
तेरे चाहाने वालो के, किस्से बहुत मशहूर है। तेरी एक झलक के लिए, खड़े रहते है लाइन से। चेहरा छुपाना दुपट्टे से लोगो की समझ से परे है। कैसे देख सकेंगे तुझे वो, खुले आसमान के नीचे।। किसी पर तो… Read More
गीत : हिंदी उर्दू मेरी माँ
हिंदी मेरी माँ है तो उर्दू है मेरी खाला। दोनों ने ही मिलकर मुझे बचपन से है पाला। दोनों की रहनुमा ने लेखक कवि बना डाला। कैसे मैं भूल जाँऊ अपनी दोनों मांओ को। जो कुछ भी मैं बना हूँ… Read More