सुबह से अविनाश कश्यप के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा करता पस्त हो गया। दोपहर हो चला पर कोई निर्णय लेने में असफल रहा। अंत में सिर पर हाथ रख कर बैठ जाता है। चित्रगुप्त को परेशान में देखकर यमराज कहता है,… Read More

सुबह से अविनाश कश्यप के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा करता पस्त हो गया। दोपहर हो चला पर कोई निर्णय लेने में असफल रहा। अंत में सिर पर हाथ रख कर बैठ जाता है। चित्रगुप्त को परेशान में देखकर यमराज कहता है,… Read More
अरे! राम – राम….. बड़ी दुःखद खबर है। आज भुनसारें साढ़े चार बजे कछियाने के किसान महेंद्र सिंह कुशवाहा नहीं रहे। पूरा बलदेवपुरा गाँव इन्हें ‘महिन्द कक्का’ कहकर पुकारता है। छप्पन साल की उमर में स्वर्ग सिधारे हैं महिन्द कक्का।… Read More
किसी भी भाषा की सशक्तता एवं समर्थता तभी निश्चित होती है, जब उसमें सूक्ष्म विचारों एवं भावनाओं को अभिव्यक्त करने की क्षमता हो। दूसरे शब्दो में कहें तो — माधुर्य, सरसता और प्रांजलता भाषा के श्रेष्ठ गुण हैं। लोक-साहित्य इन… Read More
वर्षों पहले पत्र लिखे थे, लगता जैसे ही कल है । प्यार छिपा था उनमें पावन, जैसे गंगा का जल है ।। शब्द-शब्द में सूरत तेरी, भाव सुवासित अनुपम है । जिसकी उपमा करेगा कैसे, पारिजात भी गुमसुम है ।।… Read More
तवे की तेज आँच में जलती हुई रोटी, और हाथ की गदोरिया दोनों माँ की हैं। चौके और बेलन के बीच लिपटे हुए आंटे की तरह आज भी कुछ सवाल घूम रहे हैं एक परिधि में रोटी की तरह एक… Read More
रामलला घर आयेंगे एक दिन, आस लगाये पंथ निहारे तकते व्याकुल राहें राम की, नैना बिछाए देहरी बुहारे निकट आ गई घड़ी सखी री, रामलला फिर घर आयेंगे हर घर सजे अयोध्या जैसा, राम अयोध्या धाम आयेंगे। स्वागत की ऐसी… Read More
हिन्दोस्तां है सबसे अच्छा, हिन्दोस्तां है सबसे प्यारा। कसरत में इत्तिहाद रखता, ऐसा हिन्दोस्तां है हमारा।। इस देश का है जो परचम, तीन रंग को समेटे रखता। हर रंग का है ख़ास पैग़ाम, इतना तो जहाँ समझता।। हर मज़हबी लोग… Read More
सौभाग्य मना रहे हैं जन-जन, करके राम का गान। पूरी करके प्रतिज्ञा, समारोह प्रतिष्ठा प्राण। जन का मन प्रफुल्लित हुआ, अवध नजारा देख। भव्य बालरूप राम का, ‘अजस्र’ करें प्रणाम। राम दरबार सज गया, शोभा अति अभिराम। महापर्व श्री राम… Read More
बीत गईं कई सदियाँ देखो, कितने पुरखे स्वर्ग सिधारे कब आयेंगे राम अयोध्या, कैसन जागें भाग्य हमारे सदियों से तरसी सरयू में, राम नीर बहने वाला है रामलला आ रहे अयोध्या, अँधियारा ढ़लने वाला है। करी तपस्या,दीं है आहुति, प्राण… Read More
आँखो के मिलने से ही आँखो से प्यार हो गया। अब चाहत को पाने की मुझे कोशिश करना है। और दिल को दिलसे मिलना हमको जो है। तभी तो प्यार का सागर बनाया पायेंगे हम दोनों।। बसा अब ली है… Read More