बीत गईं कई सदियाँ देखो, कितने पुरखे स्वर्ग सिधारे
कब आयेंगे राम अयोध्या, कैसन जागें भाग्य हमारे
सदियों से तरसी सरयू में, राम नीर बहने वाला है
रामलला आ रहे अयोध्या, अँधियारा ढ़लने वाला है।
करी तपस्या,दीं है आहुति, प्राण न्यौछावर किये हज़ारों
सौंपा राम के चरणों जीवन, चाहें बिगाड़ो चाहें सँवारो
सन्त हुए जिस पथ बलिदानी, दीप वहाँ जलने वाला है
रामलला आ रहे अयोध्या, अँधियारा ढ़लने वाला है।
दसों दिशायें रोशन कर दो, सरयू तट दीपों से भर दो
जहाँ भी देखें राम ही दीखें, नाम राम के दुनिया कर दो
अब सूरज कभी अस्त न होगा,राम सूर्य उगने वाला है
रामलला आ रहे अयोध्या, अँधियारा ढ़लने वाला है।
गली मोहल्ले चौक चौबारे, दद्दा लल्ला ऐसे सजा रे
दुल्हन जैसी लगे अयोध्या, रामलला घर आ रहे प्यारे
ये मौक़ा दीपक जीवन में, कभी नहीं मिलने वाला है
रामलला आ रहे अयोध्या, अँधियारा ढ़लने वाला है।