“तड़ाक” उसने एक जोरदार तमाचा उसके गाल पर जड़ दिया था। तमाचा जड़ने के साथ ही उसका पूरा शरीर क्रोध में कांप रहा था। आँखों में अंगारे दहक रहे थे। उसकी आवाज में बिजली-सी कौंध रही थी। वह किसी भेड़िए… Read More

“तड़ाक” उसने एक जोरदार तमाचा उसके गाल पर जड़ दिया था। तमाचा जड़ने के साथ ही उसका पूरा शरीर क्रोध में कांप रहा था। आँखों में अंगारे दहक रहे थे। उसकी आवाज में बिजली-सी कौंध रही थी। वह किसी भेड़िए… Read More
गौतम इस वर्ष मैट्रिक की इम्तिहान देने वाला है। इनके मित्रों के पास फोरजी मोबाइल है। वे सभी रात को पढ़ाई के नाम पर पबजी गेम खेलते हैं। गौतम भी बाबा से फोरजी मोबाइल खरीद देने की जिद करता है।… Read More
उतरत दिसंबर की भोर अम्मा ने साक्षी को जगाते हुए बड़े लाड़ – प्यार से कहा – ” उठो बिन्नू! उठो! मुहल्ला के सारे मौड़ी – मौड़ा जग गए हैं। का तुमें उठने नईंयांँ ? जितेंद्र सर की टूशन की… Read More
गाँव में मजदूरों को बारह महीने प्रतिदिन काम नहीं मिलता है। गर्मी के दिनों में कुआँ का पानी सूख जाने के बाद किसान नरेगा में मजदूरी करने जाते हैं। अधिकांश मजदूर गर्मी के दिनों में काम नहीं मिलने पर चैक… Read More
अभी मैं सोकर उठा भी नहीं था कि मोबाइल की बज रही लगातार घंटी ने मुझे जगा दिया। मैंने रिसीव किया और उनींदी आवाज़ में पूछा -कौन? उधर से आवाज आई -अबे! अब तू भी परेशान करेगा क्या? कर ले… Read More
बहुत देर की खामोशी को तोड़ते हुए नील ने आख़िर बोलना शुरू किया “तुम खुश हो वहाँ?” नंदिनी ने बड़ी ही सहजता से कहा “हम्म, अनुराग मेरा बहुत ख्याल रखते हैं।” करीब 10 साल बाद अचानक एक रेस्टोरेंट में मिलना… Read More
अक्टूबर का महीना, खेतों में धान की खड़ी फसल मंगरे को दिलासा देती थी। बस चंद दिनों की बात है। फसल कट जाए तो न सिर्फ घर में एक छमाही के लिये रसद का जुगाड़ हो जाये बल्कि कुछ पुराने… Read More
वो लंबे-लंबे कश खींच रहा था मगर उसकी खांसी बदस्तूर जारी थी। सिगरेट न पीने की उसकी आदत सिगरेट से गम गलत करने की उसकी ख्वाहिश पर भारी पड़ रही थी। खांसते खांसते हुये लार उसके चेहरे पर लिपट गयी… Read More
दो दिन से जुम्मन दो निवाले भी ठीक से नहीं खा पा रहा था । चाय पर चाय पीता और पेशाब जाता । उसके बाद बीड़ी पर बीड़ी पीता जाता और बेतरह खांसता था। उसकी खांसी इतनी देर तक चलती… Read More
बचपन से उनको मुझे अपनी बहु बनाने का बहुत शौक था इसलिए वो मुझे पतोहू कहकर बुलाती थी, जबसे मैंने होश संभाला तबसे मुझे उसी नाम से उन्हें पुकारते हुए सुना है। मैं बहुत छोटी थी, मेरे डैडी और उनके… Read More