मेरी माँ तेरा साया, सदा मैंने पाया तूने मुझको दिखाया जहाँ मेरी ऊँगली पकड़ चलना तूने सिखाया तुझ सी ममता मिलेगी कहाँ? तेरी साँसो से ही फूल नन्हा खिला तुझसे जीवन मिला मुझको माँ पहला भगवान तू, कृष्ण तू राम… Read More

मेरी माँ तेरा साया, सदा मैंने पाया तूने मुझको दिखाया जहाँ मेरी ऊँगली पकड़ चलना तूने सिखाया तुझ सी ममता मिलेगी कहाँ? तेरी साँसो से ही फूल नन्हा खिला तुझसे जीवन मिला मुझको माँ पहला भगवान तू, कृष्ण तू राम… Read More
पहलगाम में आतंकी, गुरगों ने कुत्सित काम किया। निहत्थे निर्दोषों का क्यों, उनने कत्ले आम किया? आतंक की दुकाने उनकी, बम गोलियों के हथियार। दहशत का बाजार गर्म कर, षडयंत्रों की मारे मार। खूबसूरत कश्मीर में वो है, बदनामी के… Read More
जिस दिन तुम्हारी दृष्टि में पथ-गंतव्य अभिन्न प्रतीत होने लगे समझ लेना, तुमने उपलब्धि की उस प्रमाणित रेखा को मिटा दिया है। जिस दिन प्रसन्नता और मुस्कुराहट में फर्क करना कठिन हो जाए समझ लेना तुमने अपने मन को स्वयं… Read More
जो बीत गया, क्या वो वापस नहीं आ सकता? जो बदल गया, क्या वो दुबारा नहीं बदल सकता? जो छूट गया, क्या वो दुबारा नहीं मिल सकता? जो रुक गया, क्या वो दुबारा नहीं शुरु हो सकता? हर समय बदलना,… Read More
मुझे तोड़ना बहुत मुश्किल है! छोड़ दो चाहे मुझे मुश्किल हालातों में चाहे तोड़ दो आत्मविश्वास मेरा हर बार मुझे ख़ुद से संभलना आता है! गिरा लो चाहें मनोबल जितना गिरकर मुझे ख़ुद से उठना आता है दे लो चाहें… Read More
तू हँस के देख या देख के हँस न जाने क्यूँ तेरी आँखें हर वक़्त कुछ कहती जरूर है। तू खुश रहे या बहुत खुश हर वक़्त तेरी आँखें कुछ छुपाती जरूर है। तू उदास भी रहे तेरी आँखें गम… Read More
कुंभ पर्व है, महापर्व है, दिव्य पर्व है, ब्रह्म पर्व है धर्म सनातन की आभा है, देवकृपा वरदान अथर्व है। ढ़ोल नगाड़े शंख बजाते, धर्म ध्वजा नभ में फहराते भस्म लगाये खड्ग उठाये शंभू नाद जयकार लगाते साधु संत तपस्वी… Read More
माँ तिरंगे में लिपटकर जिस दिन में लाया जाऊँगा, तू उस पल रोना नहीं, माँ तू उदास होना नहीं। माँ मैं जब गहरी नींद में सो जाऊँ तू मीठी लोरी गा देना, तू हाथ प्यार का देना फेर ताकि हो संतृप्त मैं, चिर निद्रा में सो जाऊँ, पर तू उस पल रोना नहीं, माँ तू उदास होना नहीं। माँ, वीर सपूतों की गाथा सुना कर तूने पाला है अब मैं भी एक गाथा हूँ, जिसे कोई जननी सुनाएगी, पर तू उसे पल रोना नहीं, माँ तू उदास होना नहीं। जब हर आंगन झूमे खुशियों से जब खुशहाल हर परिवार दिखे, तो तू जान लेना माता, मैं कहीं गया नहीं मैं हूँ तेरे आसपास, मैं हूँ तेरे आसपास पर तू उस पल रोना नहीं माँ तू उदास होना नहीं। +180
मैं सबके सामने चिल्ला के रोना चाहता हूँ मैं फिर इक बार उस बचपन को पाना चाहता हूँ… न दुनिया की खबर थी तब, न पैसे की तलब थी तब न बंधन था ज़माने का, न चस्का था कमाने का वो गुज़रा… Read More
भारत के माथे की बिंदी भाषा बड़ी ही प्यारी हिंदी। सीख रहे विदेशी हिंदी भूल रहे स्वदेशी हिंदी। क्यों शरमाते बोल रहे हो गर्वित होकर बोलो हिंदी। सागर है अक्षर-अक्षर में गागर में सागर है हिंदी। लगे कुँवारी होके सुहागिन अपने… Read More