दें सलामी इस तिरंगे को जिससे हमारी शान है, सिर हमेशा ऊंचा रहे इसका, इसमें बसती हमारी जान है!! स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ +130

दें सलामी इस तिरंगे को जिससे हमारी शान है, सिर हमेशा ऊंचा रहे इसका, इसमें बसती हमारी जान है!! स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ +130
बिना वेतन जो काम करे, न कोई छुट्टी,न कोई गम। बस समय पर काम करे और लोगों को खुश रखे। बता सकते हो, ये कौन है? जो निस्वार्थ भाव से करती है। ये और कोई नहीं घर की एक महिला… Read More
गीत मोहब्बत के लिखता हूँ बड़े प्यार से गाता हूँ। अंधेरे दिलों में प्रेम का दीपक बनकर जलता हूँ। और जीने की कला लोगों को सिखाता हूँ। गीत मोहब्बत के लिखता हूँ बड़े प्यार से गाता हूँ।। दिलों में पल… Read More
सोच सोच कर मन व्याकुल कितना हो गया। भेजा जिसने मुझको क्या वो ही पालेगा। प्रश्न बहुत जटिल है पर हल करना होगा। इसलिए आस्था हमें उस पर रखना होगा।। बैठ दुनिया के मंच पर देख रहा दुनिया को। क्या… Read More
जहाँ पर मिलता है अपनापन वहीं पर सुकून मिलता है। और हृदय में खुशी का बहुत आनंद बना रहता है। दिये की रोशन से जिस तरह प्रकाश चारों तरफ होता है। वैसे ही अपनेपन से जीवन में सदा ही कमल… Read More
भारत के माध्यम बर्गीय परिवार कि है जिसमे पति के न रहने के बाद उसकी अमानत उसकी संतानो कि परिवरिश और गिरते नैतिकता के समाज में स्वयं और पति के धरोहरों रक्षा कर पाना विधवा के लिये चुनैति और जीवन… Read More
भीष्म साहनीजी के स्मरण मात्र से उनकी कालजयी रचना “तमस” की याद ताजा हो उठती है। इस उपन्यास का एक पात्र नत्थू, मुराद अली द्वारा पांच रूपये लेकर सुअर मारता है,परन्तु दूसरे दिन, वही सुअर केलेवाली मस्जिद के सामने पडा… Read More
सारे दुख सारे कष्ट सारे रोग भाग जाते हैं जब सावन में बाबा भोलेनाथ जाग जाते हैं। सावन की हार्दिक शुभकामनाएं 00
निश्चित रूप से सयुक्त परिवारों में जिन बच्चों का जन्म होता है और लालन पालन होता है उन्हें जीवन समाज रिश्तों कि कीमत भाव भावना का अनुभुव अनुभूति से साक्षात्कार होता है सयुक्त का तात्पर्य ही होता है एक दूसरे… Read More
सहज की रचनाएँ आम जन सर्वहारा वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं रफीक सतनवी और कुनाल उमाकान्त निगम सहज स्मृति उर्दू अदब सम्मान से सम्मानित याद ए सहज मुशायरा और सम्मान संगोष्ठी आयोजित सतना, शब्द शिल्पी परिवार सतना के तत्वावधन में,… Read More