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गीत मोहब्बत के लिखता हूँ
बड़े प्यार से गाता हूँ।
अंधेरे दिलों में
प्रेम का दीपक बनकर जलता हूँ।
और जीने की कला
लोगों को सिखाता हूँ।
गीत मोहब्बत के लिखता हूँ
बड़े प्यार से गाता हूँ।।

दिलों में पल रही कड़वाहट
और नफरतों के बीजो को।
अपने दिलों से तुम निकालो
और प्यार मोहब्बत को अपनाओ।
तेरे दिल की दशा और काया
निश्चित ही बदल जायेगी।
तेरे जीवन में खुशियों की
फिर बहार आ जायेगी।।
गीत मोहब्बत के लिखता हूँ
बड़े प्यार से गाता हूँ।
अंधेरे दिलों में प्रेम का
दीपक बनकर जलता हूँ।।

रखा क्या है नफरत और
कड़वाहटो को दिल में रखकर।
तू इसी में उलझा रहता है
और इसी को जीवन कहता है।
और दफन कर रहा है
अपनी नई नई उमंगो को।
बस नफरतो में जीता
और उसी में मरता रहता है।।
गीत मोहब्बत के लिखता हूँ
बड़े प्यार से गाता हूँ।
अंधेरे दिलों में प्रेम का
दीपक बनकर जलता हूँ।।

जगाओ दिल में अपने
तुम स्नेह प्यार को।
बदल जायेगा तेरा जीवन
जो तुम मोहब्बत करोगे।
लोगों के दिलों में स्नेह
प्यार की तुम छाप छोड़ोगे।
और अमन सुख शांति का
प्यारा संदेश समाज को दे पाओगे।।
गीत मोहब्बत के लिखता हूँ
बड़े प्यार से गाता हूँ।
अंधेरे दिलों में प्रेम का
दीपक बनकर जलता हूँ।।

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