ना इंतज़ार, ना आहट, ना तमन्ना, ना उम्मीद… ज़िंदगी है कि यूँ ही बेहिस हो जाती है… मीना कुमारी ‘नाज़’ भारतीय सिनेमा की ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी रवींद्रनाथ ठाकुर के खानदान से ताल्लुक रखती थी। दिलीप कुमार जहाँ ट्रेजिडी किंग… Read More

ना इंतज़ार, ना आहट, ना तमन्ना, ना उम्मीद… ज़िंदगी है कि यूँ ही बेहिस हो जाती है… मीना कुमारी ‘नाज़’ भारतीय सिनेमा की ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी रवींद्रनाथ ठाकुर के खानदान से ताल्लुक रखती थी। दिलीप कुमार जहाँ ट्रेजिडी किंग… Read More
आंखों के जरिये अपने अभिनय से सबके दिल में उतर जाने वाली हिंदी सिनेमा की ट्रेजडी क्वीन महज़बीन बानों यानि कि मीना कुमारी (1 अगस्त 1933- 31 मार्च 1972) का आज जन्मदिन है। इनके जीवन की बड़ी ही अजीब दास्तां… Read More
लेखकीय दृष्टि यदि अपने युगीन सामाजिक ,राजनीतिक ,धार्मिक,आर्थिक ,सांस्कृतिक दबावों ,घात –प्रतिघातों ,सम्बंधों में आती जटिलताओं के बीच मनुष्य की संपूर्णता में आत्मसात करते हुए जनाभिमुख और जनहित में अभिव्यक्त होती है तो वह सदैव प्रासांगिक बनी रहती है और… Read More
कला केवल यथार्थ की नक़ल का नाम नहीं है कला दिखती तो यथार्थ है, पर यथार्थ होती नहीं उसकी खूबी यही है की यथार्थ मालूम हो……मुंशी प्रेमचंद बीसवीं शती के संवेदनशील रचनाकार उर्दू से हिंदी भाषा में लिखने वाले… Read More
प्रेमचंद को पढ़ना उन चुनौतियों को प्रत्यक्ष अनुभूत करना है, जिन्हें भारतीय समाज बीते काफी समय से झेलता आया है और आज भी उन चूनौतियों का हल नहीं ढूँढ पाया है। दलित, स्त्री, मजदूर, किसान, ऋणग्रस्तता, रिश्वतखोरी, विधवाएँ, बेमेल विवाह,… Read More
अनुवाद किसी सीमा और देश तक सीमित नहीं हैं, उसकी महत्ता पूरे विश्वा में फैल चुकी है। भाषिक व्यापार के रूप में अनुवाद भारतीय परंपरा की द्रष्टि से कोई नई बात नहीं है। अनुवाद शब्द का संबंध ‘वद’ धातु से… Read More
टी.वी पर इंडिया के शीर्ष डॉक्टर्स का इंटरव्यू आ रहा था और उन सबने एक मत से जो एक वाक्य बोला वो ये था कि अगर स्वस्थ रहना चाहते हैं तो जितना हो सके उतना ज्यादा हँसें, खुश रहें। हँसने… Read More
हॉलीवुड फिल्मों की यह खूबी है कि इसमें एक बेहद सादी और सरल सी कहानी को एक शानदार तरीके से कहकर महफ़िल लूटी जा सकती है और द लायन किंग फ़िल्म यही कारनामा करती है। जंगल के राजा के सिंहासन… Read More
रात बहुत सर्द थी सोचा लिहाफ़ लेलूं लेकिन, उस लिहाफ़ में बेख़बर वो भी लिपटी थी ऐसे में ख़्याल आया कहीं… कहीं उसकी नींद में खलल न हो जाए इसी ख़्याल से ठिठुरता रहा रात भर लेकिन एक सुकूँ था… Read More
एक पल में हालात बदलते देखा है साँझ से पहले सूरज ढलते देखा है… कल तक जो मुझपे जान लुटाते थे आज उन ही के हाथों में मैंने खंजर देखा है…। दिल के क्या हालात बताऊँ…? एक उदासी फैली है….… Read More