मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं, कि, अधोलिखित विचार किसी व्यक्ति, राजनैतिक पार्टी, मंत्री या संस्था विशेष से जुड़े हुए नहीं हैं, इस संदर्भ में मैं पूर्णत: न्यूट्रल हूं।

मैं अपने विचार वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा दिए गए उद्बोधनों में से एक के साथ जोड़ते हुए रखती हूं, क्योंकि ये पंक्तियां किसी एक व्यक्ति विशेष से जुड़ी हुई नहीं हैं, वरन्, हर उस सच्चे देशभक्त की भावनाओं से जुड़ी हुई है- जो देश के प्रति समर्पित हैं, तथा मनसा-वाचा-कर्मणा से देश का समुचित विकास चाहते हैं।

“मैं देश नहीं मिटने दूंगा
मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
सौगंध मुझे इस मिट्टी की,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा।”
हम जैसे प्रत्येक भारतीय नागरिक का प्रथम कर्तव्य इसी भावना के साथ जुड़ा हुआ है। ऐसी ही कर्तव्य-बोध की भावना से प्रेरित अनेकों शहीद प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से देश की खातिर अपना सर्वस्व अर्पण करते हुए आए हैं। उनका ही यह दाय है, कि- हम न सिर्फ स्वतंत्र भारत की खुली हवा में सांस ले रहे हैं, बल्कि वर्तमान में भी भारतीय सीमा पर और देश के भीतर ऐसे कर्मठ युवा प्राणपण से प्रयासरत हैं। उन सभी शहीदों और भारतीय सेना को श्रद्धापूर्वक कोटि-कोटि नमन।

हमारा देश 15 अगस्त सन 1947 को लंबे संघर्ष के बाद गुलामी की जंजीरों से मुक्त हुआ, जिसके पीछे न जाने कितने ही ख़्यात और गुमनाम वीरों की शहादतें इतिहास में दर्ज हैं। उनके खून से सिंचित इस मिट्टी में हम आज खुशहाल जिंदगी जीने की सोच पा रहे हैं।

“शहीदों के मज़ारों पर हर बरस लगेंगे मेलें,
वतन पर मिटने वालों का बाकी यही निशां होगा।”

पूरे विश्व में 14 फरवरी “प्रेम दिवस” “वेलेंटाइन डे” प्रेम प्रतीक स्वरूप उत्सव रूप में मनाया जाता है। किंतु हम भारतीयों के लिए यह दिन इस वर्ष ‘शोक दिवस’ साबित हुआ । कुछ अमानवीय मूल्यों के प्रश्रय देने वाले आतंकियों द्वारा भारतीय सेना पर हमला कर उनकी हत्या कर दी गई और प्रत्युत्तर में भारतीय जवानों द्वारा भी इसका पुरज़ोर जवाब दिया गया।

“देश की शहादत पर मिटने वालों,
ना भूलेंगे हम ऊरी हमला।
ना भूलेंगे पुलवामा की घटना
देश के नौजवानों, तुमको देश का शत-शत नमन।”

निश्चित ही भारतीय संस्कृति, प्रेम, सत्य, अहिंसा, सौहार्द, भाईचारे, शांति का समर्थक रही है, किंतु इसका कतई यह अर्थ नहीं है, कि इस सरलता को हमारी कायरता समझा जाए।

“कर चले हम फिदा, जानो-तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों|”

यह गीत बच्चे-बच्चे की जुबान पर है| इसलिए सिर्फ आज के दिन ही नहीं बल्कि, प्रत्येक सुबह आंख खुलते ही हम भारतीयों का पहला संकल्प यही होना चाहिए, कि अपने सामर्थ्यानुसार कभी भी देश के सम्मान पर आंच नहीं आने देंगे। क्योंकि यह दायित्व इस मिट्टी का अन्न-जल ग्रहण करने वाले, इसकी खुली हवा में सांस लेने वाले, प्रत्येक का प्रथम कर्तव्य है।

देश को संपन्न, समर्थ, स्वच्छ और सुखद बनाते हुए स्वर्णिम भारत का निर्माण…………….
जहां-

“भारत माता का मंदिर यह,
समता का संवाद जहां।
सबका शिव कल्याण यहां,
पावें सभी प्रसाद यहां।
जाति-धर्म-संप्रदाय का,
नहीं भेद-व्यवधान यहां।
सबका स्वागत, सबका आदर,
सबका सम सम्मान यहां।”

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त

विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना “प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना”, जिसकी औपचारिक घोषणा अंबेडकर-जयंती 14 अप्रैल को की गई थी और जिसे 23 सितंबर 2018 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से 2 दिन पूर्व झारखंड (रांची के प्रभात तारा मैदान) से लागू कर दिया गया, निश्चय ही भारतीयों के हित में है।

25 दिसंबर 2018 को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की 94 वीं जयंती पर असम के डिब्रूगढ़ के समीप बोगीबील में ब्रह्मपुत्र नदी पर बना, देश का सबसे लंबा रेल सड़क पुल (4.94 किमी) का उदघाटन किया गया, जो सार्थक सराहनीय प्रयास है।

15वां, “प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन”, जो कि प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है, कतिपय कारणों से इस वर्ष 21 से 23 जनवरी को बनारस में मनाया गया, जो कि माननीय प्रधानमंत्री जी का संसदीय क्षेत्र है।

25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री जी ने देश का पहला युद्ध स्मारक “राष्ट्रीय समर स्मारक” जो कि राष्ट्र को समर्पित जल-थल-वायु सेना के शहीदों को एक साथ एक छत के नीचे लगभग 26000 शहीदों के नाम अंकित कर, उन्हें सम्मानित करने के लिए उदघाटित किया गया, प्रथम प्रयास सराहनीय है।

26 जनवरी 2019 को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” पुरस्कार पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी और मरणोपरांत संगीत के क्षेत्र में अद्वितीय अवदान देने वाले स्वर्गीय भूपेन हजारिका और समाजसेवी स्वर्गीय नानाजी देशमुख को उनके महनीय प्रयासों के लिए दिया गया।

22 जुलाई 2019 को भारतीय युवा टीम का “मिशन चंद्रयान-2” पूर्णत: सफल रहा, जिससे हर भारतीय न सिर्फ खुश है, वरन गौरवान्वित भी महसूस कर रहा है कि “हम भारतीय हैं।“ उनके द्वारा भेजे गए चित्रों को देखकर अपार हर्ष होता है, कि ब्रह्मांड के कितने अद्भुत लोक में हम रह रहे हैं।

26 जुलाई 2019 को “तीन तलाक कानून बिल” का आना, निश्चय ही मुस्लिम महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। क्योंकि यह तीन शब्द “तलाक-तलाक-तलाक” किसी भी औरत का जीवन किस तरह दोज़ख की आग में जलने के समान बना देता है, यह तो वही बयां कर सकतीं हैं, जिन्होंने इसे भोगा है।

2 अगस्त 2019 को NDTV के विश्वविख्यात पत्रकार रवीश कुमार को एशिया का नोबेल रेमन मैग्सेसे पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, जो कि निश्चित ही हर प्रतिभावान के लिए गौरव का विषय है।

वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में धारा 370 को हटाने के लिए प्रयास करना तथा वर्तमान राष्ट्रपति माननीय श्री रामनाथ कोविंद जी की सहमति से (धारा 370 खंड 2 और 3 एवं धारा 35 ए) को हटाकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को नए केंद्रशासित राज्य बना, (अब कुल 9 केंद्र शासित राज्य एवं 28 राज्य की संकल्पना से) अखंड भारत की एकता को बनाए रखने का सार्थक प्रयास किया गया है। हालांकि, इस निर्णय से बहुत से मुस्लिम भाई-बंधु खुश नहीं है, किंतु सकारात्मक संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है, आने वाले वर्षों में जम्मू-कश्मीर में रोजगार एवं पर्यटन को फलने-फूलने का सुअवसर मिलेगा।

इन महत्वपूर्ण गतिविधियों के अतिरिक्त इधर कुछ वर्षों में नए युवा प्रतिभावान चेहरे उभर कर सामने आए हैं, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत की एक अलग पहचान बनाई है। अरूणिमा सिन्हा, हिमा दास, विंग कमान्डर अभिनंदन, 2018 के कॉमनवेल्थ में भारतीय युवा प्रतिभागियों का शानदार प्रदर्शन, निश्चित ही भारतीयों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

भारत एक सशक्त, समुन्नत, सर्मथ, विकसित देश बनें- इस मंगल कार्य में हम भी अपना किंचित योगदान दे पायें, तो, निश्चित ही सौभाग्यशाली रहेंगे। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर की निम्नपंक्तियों के साथ अंत करती हूँ-

‘‘देश हमारा आँख का तारा,
हम सब इस पर हों कुर्बान।
जय, जय भारत देश महान्,
x   x    x   x    x    x   x    x   
सदा बढ़ायेंगे हम भारत,
तेरे यश का गौरवगान,
जय, जय भारत देश महान्।।
जय माँ भारती

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