#गार्गीकॉलेजमामलेपरचुप्पीभारीपड़ेगी आप ही थे ना जिसने प्रियंका रेड्डी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के बाद प्रशासन को गालियां दीं, देश को असुरक्षित बताया और ना जाने किस किस तरह से अपना गुस्सा दिखाया । आप ही थे ना जिसने… Read More
शिक्षा और फिर परीक्षा
Part-1 बोर्ड परीक्षा की तिथि घोषित हो गई है।लगभग महीना-भर बचा है।इतने दिन कम नहीं होते और ज्यादा भी नहीं।जैसे-जैसे परीक्षा नजदिक आ रही है,स्वाभाविक है कि आपकी चिंता बढ़ रही होगी!दोस्तों, ये चिंता करने या फ्रस्टीयाने का वक्त नहीं… Read More
शिक्षा का उद्देश्य
शिक्षा (Education) शब्द की व्युत्पत्ति लेटिन शब्द “एडुकेयर ” से हुई है जिसका अर्थ है “पढ़ाना -लिखाना “,”आगे बढ़ाना ” और ” विकसित करना। ” शिक्षा का संधि विच्छेद है- शि = नेतृत्व करना /प्रवेश करना और क्ष = क्रिया/कार्य… Read More
Indian Army Day
Some Intresting facts about Indian Army The Indian Army was formed in 1776 under the British government. The motto of the Indian Army is Service before self. The Indian Army is the biggest volunteer army in the world. The Indian… Read More
उत्तरायण उत्सव (मकर संक्रांति)
यह सत्य है कि मनुष्य के जीवन की दिशा और दशा में परिस्थितियों का बहुत बड़ा योगदान होता है। लेकिन खुशियों का संबंध मनुष्य की प्रकृति और उसके दृष्टिकोण से होता है। जीवन प्रतिपल परिवर्तित होता है। प्रत्येक दिन नवीन… Read More
पशुओं से बलात्कार : एक मानसिक विकार
अगर मैं कहूं कि बलात्कार एक मानुषिक प्रवृत्ति है तो शायद आप इसे मनुष्य का अपमान समझेंगे। लेकिन अगर आप इसे पाशविक प्रवृत्ति कहेंगे तो यह पशु का अपमान होगा, क्योंकि कोई पशु बलात्कार नहीं करता। नवजातों से, नाबालिगों से,… Read More
व्यंग्य : मेरा वो मतलब नहीं था
“जामे जितनी बुद्धि है,तितनो देत बताय वाको बुरा ना मानिए,और कहाँ से लाय” देश में धरना -प्रदर्शन से विचलित ,और अपनी उदासीन टीआरपी से खिन्न फिल्म इंडस्ट्री के कुछ अति उत्साही लोगों ने सोचा कि तीन घण्टे की फिल्म में… Read More
दिशाहीन छात्र राजनीति
राष्ट्र के रचनात्मक प्रयासों में किसी भी देश के छात्रों का अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान होता है। समाज के एक प्रमुख अंग और एक वर्ग के रूप में वे राष्ट्र की अनिवार्य शक्ति और आवश्यकता हैं। छात्र अपने राष्ट्र के कर्णधार… Read More
व्यंग्य: ये कैसे हुआ
फ़ांका मस्ती ही हम गरीबों की विमल देखभाल करती है एक सर्कस लगा है भारत में जिसमें कुर्सी कमाल करती है “। उस्ताद शायर सुरेंद्र विमल ने जब ये पंक्तियां कहीं थी तब उन्होंने शायद ये अंदाज़ा लगा लिया था… Read More
भारत में किसानों को उनके परिश्रम का फल कब मिलेगा?
जबसे इस धरती पर जीवन की उत्पत्ति हुई है, तब से किसान खेती करके खाद्य-सामग्री उत्पादित कर रहे हैं। यानी किसान ही सारी दुनिया के लिए भोजन हेतू खाद्यान्न, फल, सब्जियां और चारे का उत्पादन करते आ रहे हैं। इन… Read More