जी हाँ! पूस का महीना खत्म हो चुका और माघ का महीना आ चुका है। देखते ही देखते मकर संक्रांति का त्यौहार आ गया है। ज्योतिषी, धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक दृष्टि से आज के दिन का बहुत महत्व है। इसी… Read More
छोटे शहर की बड़ी प्रेम कथाएँ
छोटे-छोटे शहरों में ही बड़ी प्रेमकथाएँ जन्म लेती हैं। भले इतिहास में इनका कोई जिक्र नहीं होता है लेकिन इनमें सुख-दुख के साथ हमेशा एक नया संघर्ष और जिज्ञासाएँ छुपी होती थीं। इन प्रेमकथाओं में भी एक हीरो और एक… Read More
लेख : महुआ
‘महुआ’ शब्द में ही मिठास है।इस विषय पर सोचने और लिखने से आँखों में खुदबखुद चमक आ जाती है।यह शब्द हमारे इतिहास,संस्कृति और हमारी परंपराओं से जुड़ा हुआ है।वैदिक काल से लेकर अभी तक महुआ के फूल,फल और पेड़ की… Read More
एक बरस में मौसम चार
एक बरस में मौसम चार, यह फिल्मी गाना बहुत लोकप्रिय है। जहाँ पाँचवे मौसम के रुप में ‘प्यार” के मौसम की बात होती है।जब हम इस पाँचवे मौसम की तह तक जाते है तो इस भाव को व्यक्त करने के… Read More
लोक गीतों में नीम का पेड़
हमारे लोकसाहित्य में नीम के पेड़ को महत्वपूर्ण स्थान मिला है। लोकगीतों में ‘नीम के पेड़’ पर कई प्रसिद्ध लोकगीत मिलते हैं। कल एक यह प्रसिद्ध अवधी लोकगीत सुना।जिसे बहुत बार पढ़ा था लेकिन कल सुनने का मौका मिला- “बाबा… Read More