गीत : गजानन विदाई

मूषक सवार हो के चले है गजानन, आज अपने भक्तों से विदा हो के। नाँचे और गाएँ ये भक्त मतवाले, गणपति की भक्ति में मगन हो के। झांकी है मनुहार, करे मेरा दिल पुकार। रह जाऊँ इनमें ही आज खो… Read More

raksha bandhan

कविता : बन्धन ये रक्षा का

बंधन ये रक्षा का बहना मांगे वचन ये भाई से। साथ निभाना, लाज बचाना, इस दुनिया हरजाई से माँ बाबा के आँगन पलके थोड़ी सी मैं बड़ी हुई । पाया प्यार तुम्हारा जबसे लगती जैसे दुनियां नई। हाथ तुम्हारा बढ़ा… Read More

kinkri devi

कविता : किंकरी देवी

न तो वह शिक्षित नहीं क़ानून का ज्ञान बेहद आम सी औरत हिमाचल में था आशियाना उनका किंकरी देवी था जिनका नाम…… पहाड़ों से बेहद लगाव खनन माफिया से बचाने पहाड अकेली ही विरुद्ध खड़ी हो गई उनके…. डराया गया,… Read More

buddha

कविता : हार जाएगा संकट

गौतम बुद्ध के मार्ग पर, आज हमें चलना होगा सृष्टि को फिर से स्वर्ग सी उपवन करना होगा।। पंचशील के पाँच तत्वों को अपनाकर मद,मोह,अहंकार को नष्ट करना होगा।। सत्य पर अटल रहकर दूसरों की सेवा करना होगा।। आवश्यकता से… Read More

jivan

कविता : जीवन के क्षण

जीवन के क्षण, कभी हर्षित कभी बोझिल। कभी तेज उजाला, कभी तारों की झिलमिल। कभी खुशियों का खजाना, कभी ग़म में गाफिल। कभी हर ओर सन्नाटा, कभी शोरगुल शामिल। कभी अभाव,तंगहाली , कभी हासिल ही हासिल। कभी हर ओर अपने… Read More

mukti

कविता : ‘मुक्ति-सुसुप्ति’

विकास रहता है आजकल आकाश छूती इमारतों में, भव्य मोटर-गाड़ियों में, शायद उसे वैभव पसंद है। विकास घूमता है बेफिकर पहन कर बरमूडा और निक्कर चौड़ी सड़को में, उसे आकार भी वृहद पसंद है । विकास दिखता है आधुनिक तकनीकी… Read More

vaccination

कविता : टीकाकरण

जिंदगी को यदि सुरक्षित रखना है। तो दो हाथो की दूरी रखना पड़ेगा। कोरोना से बचाने के लिए। वैक्सिंग वाला कवच लेना पड़ेगा।। हम सबको सुरक्षित रहना है। तो वैक्सिंग को लगवाना होगा। और घर परिवार व समाज में नया… Read More

my poems

मेरी कविताएँ

संघर्ष दहशत से भरी दुनियाँ अजनबी से लोग, बिन पहचाने से रास्ते रसूखदारों की अपनी ही बातें नवाबी कारण कार्य बिना नाम पहचान नहीं व्यस्तता का एक राग अलाप न जाने इंसान गढ़ा था खुदा ने बन गए यहां सभी… Read More

prakriti

कविता : प्रकृति, संस्कृति एवं संसृति

द्वितीय रूप तो अति कोमल, मधुर, स्वभाव है !! राम, कृष्ण, गौतम, तुलसी हो, हो कबीर की नाना चौकी ! नारी ने वो पाठ – पढ़ाया, जिसे आज तक किसी ने न भुला पाया !! ऐसी बेटी को प्रणाम है,… Read More

corona

कोरोना की दूसरी लहर का कहर

कोरोना की गति फिर से तेज है बुलेट ट्रेन की स्पीड लिए है।। बिना मास्क के पहने लोग इसे हरी झंडी दिखाए कोरोना दिन पे दिन बढ़ता जाए।। कोरोना की दूसरी लहर का खौफ बढ़ता जाए दिन दोगुनी उन्नति करता… Read More