Maan

कविता : माँ

एक अक्षर का शब्द है माँ, जिसमें समाया सारा जहाँ। जन्मदायनी बनके सबको, अस्तित्व में लाती वो। तभी तो वो माँ कहलाती, और वंश को आगे बढ़ाती। तभी वह अपने राजधर्म को, मां बनकर निभाती है।। माँ की लीला है… Read More

narirup

कविता : उठो नारी

तुम्हें अब उठना होगा नारी,क्यों तू हारी तोड़ चुप्पी अपनी आवाज़ उठानी होगी    बहुत सह लिया तुमने अब नहीं सहेगी   बहुत जिया अपनों के लिए  तुम्हें अब अपने लिए भी जीना होगा…. देखा जाएगा जो भी होगा यह ख़ुद… Read More

holi kaise manaun

कविता : होली का रंग

तुम्हें कैसे रंग लगाएं, और कैसे होली मनाएं ? दिल कहता है होली, एक-दूजे के दिलों में खेलो क्योंकि बहार का रंग तो, पानी से धुल जाता है पर दिल का रंग दिल पर, सदा के लिए चढ़ा जाता है॥… Read More

holi hooo

गीत : होली

सब हित मीत हमजोली हो प्यार इश्क़ की बोली हो ग़र मिल जाये भूले भटके तब समझो पर्व ये होली हो उसे हर रंग गुलाल अबीर हो सब अल्हड़ मस्त फ़क़ीर हो हर गम से दूर, कबीर हो ख़ुशियों से… Read More

holi

होली के रंग में सजी दुनिया सारी

ब्रजमंडल का अनूठा महोत्सव होली का पर्व निराला प्रकृति में एक नयी मादकता है जागी।। रोम-रोम में मस्ती छाई घर-घर में गुलाल लाई।। होली आई रंगो का त्यौहार लाई रंग गुलाल उड़ाएंगे होली हम सब मिल मनाएंगे।। रंग गुलाल से… Read More

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कविता : महाशिवरात्रि

शिव है सबके कर्ताधर्ता। शिव ही है भक्तों के वरदानकर्ता। तभी तो पाते सुख शांति हम सब। शिव के बिना जग है सुना सुना। इसलिए हर कोई कहता सुबह शाम ॐ नमशिवाय।। जो रखते है महाशिवरात्रि का व्रत, और करते… Read More

nari

कविता : नारी के शब्द

मज़बूर हूँ मैं। मगर ये मत समझना, कि कमज़ोर हूँ। मज़बूत हूँ मैं, साथ ही ग़रीब हूँ। मगर लाचार नहीं।। तेरे शोषण का सुबूत हूँ मैं, तेरी ही पहचान हूँ मैं। फिर भी अपनों के लिए कार्य कर रही हूँ।… Read More

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कविता : बसंत की बेला आई

बसंत की बेला आई मन में महक जगाई अब तू भी जी ले कुछ पल को मन में यह फूल खिलाई बसंत की बेला आई।। मन की बागियों में अब तू हंसियो के फूल खिला दें यादों की सोंधी सी… Read More

manzile

कविता : मंजिले मिल जाती है

नदियाँ खुद अपनी चाल से रास्ते बना लेती है। बड़े-बड़े पहाड़ों को भी चीर कर आगे निकल जाती है। क्योंकि उन्हें अपने आप पर विश्वास होता है। इसलिए उन्हें आदर से पूजा जाता है।। इरादे हो अगर नेक तो मंजिले… Read More

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कविता : गाँवो में जाकर देखो

सोच बदलो गाँव बदलो अब चलो गाँव में। तभी हम गाँवो को खुशहाल बना पाएंगे। और नया हिंदुस्तान हम मिलकर बनाएंगे। और गाँवो का इतिहास एक बार फिर से दोहरायेंगे। गाँवो की मिट्टी का कोई जवाब नहीं है। पैरो में… Read More