शिवाजी महाराज याने? सिर्फ़ छत्रपति शिवाजी महाराज नहीं, बल्कि शिवाजी महाराज याने, अभिव्यक्ति की आज़ादी, किसानों का आंदोलन कामगारों का आंदोलन उत्तम प्रशासक जाती अंत स्त्री सम्मान शिवाजी महाराज याने? सिर्फ़ भगवा पताका और सियासी रंग नहीं, शिवाजी महाराज याने,… Read More
कविता : माँ शारदे
पूजत चरण माँ शारदे पंचम तिथि है बसन्त सर्वज्ञान विस्तारित हो जितना गगन अनन्त। प्रकटोत्सव पर हर्षित सारे देवी देव भगवान नतमस्तक हो स्तुति करें ओढ़ पीत परिधान। ओढ़ पीत परिधान भोग में बेसन का हलवा धन यश विद्या और… Read More
कविता : आत्महत्या
संघर्षों से घबरा कर यदि, सब मृत्यु गले लगाते। डर के आगे जीत लिखे जो, न विजेता वो मिल पाते॥ मरना सबको इक दिन लेकिन, न मौत से पहले मरना॥ गिर गिर कर फिर उठ उठ कर ही, जीवन पथ… Read More
कविता : मैं
“मैं” से उठकर मैंने जब देखा जो ज़रा ध्यान से आत्मा थी दिग्भ्रमित, मन था भरा अज्ञान से। चक्षुओं की परिधि भी सीमित रही स्वकुटुंब तक संकुचित समस्त भावनाएँ, थी पहुँच प्रतिबिम्ब तक ओज़ वाणी में था इतना, स्वयं सुन… Read More
कविता : काश! हम सब जन्मजात अंधे होते
काश! हम सब जन्मजात अंधे होते हमारी आँखों में कतई रौशनी न होती चेहरे पर लगा एक काला चश्मा होता और हाथ में लकड़ी की एक छड़ी होती तब इस विश्व का स्वरुप ही दूसरा होता प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तित्व… Read More
कविता : करते नहीं देश की चिंता
मिली मुश्किलों से आज़ादी, मगर न इस की कद्र हमें। पड़ आदत आराम की गई, नहीं देश की फिक्र हमें॥ देश की चिंता न हम करते, हम भूलें ज़िम्मेदारी। भोर करेगा कौन यहाँ अब, निंद्रा सबको है प्यारी॥ मरने मिटने… Read More
कविता : 26 जनवरी अमर रहे
मैं आज़ाद भारत हूँ, अमन पैगाम है मेरा इतिहास देख ले तू दया धर्म नाम है मेरा मेरी सरलता को तू कमज़ोरी न समझना रावण! याद रख बच्चा-बच्चा राम है मेरा। मेरे गुरुर से ही ज़िंदा है तेरा गुरूर ईमान… Read More
कविता : भारत भूमि
सैनिक जोशीले साहसी शूर रिपु मद करे चूर, देश पे कुर्बान योद्धा करते जवानी है। अपना लुटाएं सब देश को बताएं रब, भारत में जन्में ऐसे वीर स्वाभिमानी है। देश से मोहब्बत ये मरके निभाते हैं, बाँकुरो का देश प्रेम… Read More
कविता : गणतंत्र दिवस की जय हो
हम एक हैं ये आईये दुनिया को दिखाइये घर-घर में ग़ुरूरो-शान से तिरंगा फहराइये। पुरज़ोर आवाज़ में अदब से राष्ट्रगान गाईये जय हो भारत माता की जयकारा लगाइये। अमृतोत्सव आज़ादी का है मन से मनाईये वीरों की वीरगाथाएँ ज़रा भईया… Read More
कविता : राम का नाम बड़ा है
राम का नाम बड़ा है राम का नाम बड़ा है कण-कण में बसे सीता राम। राम का जाप हो सुबह शाम।। राम का नाम बड़ा है मात पिता के वचन निभाए। राज महल पद सब ठुकराए।। न तोड़ा रिश्तों का… Read More