“मैं इसे शोहरत कहूँ, या अपनी रुस्वाई कहूँ, मुझसे पहले उस गली में, मेरे अफसाने गये” अपनी तारीफ सुनने से वंचित और और अति व्यस्त रहने वाली नये वाले लिटरैचर विधा की मशहूर भौजी ने खाली बैठे बैठे उकताकर अपनी … Read More
कविता : पिता क्या होते हैं?
अंदर ही अंदर घुटता है। पर ख्यासे पूरा करता है। दिखता ऊपर से कठोर। पर दिलसे नरम होता है। ऐसा एक पिता होता है।। कितना वो संघर्ष है करता। पर उफ किसी से नहीं करता। लड़ता है खुद जंग हमेशा।… Read More
कविता : भावनाओं से मत खेलो
न राम चाहिए, न श्याम चाहिए। हम लोगो को तो, कोरोना से निजात चाहिए। है कोई ऐसा मंत्र, अब तांत्रिकों पर। जो इसका बीमारी का इलाज कर सके।। भविष्यवाणी करने वालो, कहा पर तुम सब सो गये। क्या अब कोरोना… Read More
कविता : जय श्री राम
त्याग का पर्याय प्रतीक शौर्य का पुरुषों में उत्तम संहर्ता क्रौर्य का परहित प्रियता भ्राताओं में ज्येष्ठ कर्तव्य परायण नृप सर्वश्रेष्ठ शरणागत वत्सल हैं आश्रयदाता दशरथ नंदन भाग्य विधाता भजे मुख मेरा तेरा ही नाम जय सिया राम जय श्री… Read More
लेख : मार्च महीना और महामारी…!!
आमतौर पर मार्च का महीना साल का सबसे तनावपूर्ण महीना माना जाता है क्योंकि इस महीने में अधिकतम निजी व्यावसायिक कंपनियों में वर्ष समाप्ति का काम ज़ोरो पर होता है और कर्मचारियों पर काफी दबाव भी रहता है, रही बात… Read More
कविता : कुछ दिन
जहाँ से इसकी शुरुआत हुई उस शहर का नाम वुहान है, आज महामारी बन चुका है ये और चपेट में सारा जहान है। दफ्तर बन्द हो गए सभी और सड़के भी वीरान है, घरों में दुबक चुके हैं लोग और… Read More
कविता : यकीन
मुसीबत का पहाड़, कितना भी बड़ा हो। पर मन का यकीन, उसे भेद देता है। मुसीबतों के पहाड़ों को, ढह देता है। और अपने कर्म पर, जो भरोसा रखता है।। सांसारिक उलझनों में, उलझा रहने वाला इंसान। यदि… Read More
कविता : नि: शब्द हूँ
निःशब्द हूँ… कि क्या हुआ ये क्यो हुआ हुआ अगर ये जो भी तो गुनहगार कौन है? नि:शब्द हूँ… क़ायनात ने दिया, तो नोच लूं निचोड़ लूं कर सकूं अगर कभी तो रुख हवा का मोड़ लूं। निःशब्द हूँ… खेल… Read More
कविता : कुछ दिन
जहाँ से इसकी शुरुआत हुई उस शहर का नाम वुहान है, आज महामारी बन चुका है ये और चपेट में सारा जहान है। दफ्तर बन्द हो गए सभी और सड़के भी वीरान है, घरों में दुबक चुके हैं लोग और… Read More
कविता : मुस्कुराते रहो
जिन्दगी में सदा, मुस्कराते रहो। फासले कम करो, दिल मिलाते रहो। जिन्दगी में सदा, मुस्कराते रहो..….।। दर्द कैसा भी हो, आँख नम ना करो। रात काली सही, कोई गम न करो। एक सितारा बनो, जग मगाते रहो। फासले कम करो, … Read More