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monsoon rain in film songs

लेख : फ़िल्मी गीतों में बरसता सावन

“रिमझिम के तराने लेकर आई बरसात” अगर कोई मुझसे पूछे कि तुम्हें कौन-सा मौसम सुहावना लगता है, तो मैं बिना समय गवाएं कह सकता हूँ कि मुझे तो सिर्फ़ बरसात का मौसम सुहाना लगता है।  यह वह समय होता है… Read More

Shri Ram in Hindi cinema, TV and OTT

लेख : हिंदी सिनेमा, टीवी और ओटीटी में श्रीराम

भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और संस्कारों में बल्कि हम भारतीयों के हृदयस्थल और रोम-रोम में श्रीराम विराजते हैं, फिर भी आम जन प्रायः यह मानता है कि सिनेमा जैसा अपेक्षाकृत आधुनिक माध्यम पूर्णतः पाश्चात्य रंग में रँगा हुआ है और… Read More

story rise of pink

लघुकथा: राइज ऑफ पिंक

“कल का फीचर किस पर रहेगा मैम” नुसरत ने योगिता जी से पूछा ? “कल का फीचर औरतों के गहरे सांवले रंग यानी डार्क काम्प्लेक्सन पर रहेगा” ये कहकर वो फेयरनेस क्रीम अपने चेहरे और गर्दन पर मलने लगी ।… Read More

jai shree ram

108 दोहों में श्रीराम

दिनांक 22 जनवरी को वह शुभ तिथि है, जब अयोध्या धाम में श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होने जा रही है। श्रीराम लोक आस्था व जन-मन के महानायक हैं, इसी प्रगाढ़ श्रद्धा व विश्वास की आँखों से 108 दोहों में श्रीराम… Read More

indian army

देशभक्ति दोहे : मातृभूमि से प्यार

देश प्रेम की भावना, मन में हो भरपूर । लाल, भगत, आज़ाद से , हों हम भी मशहूर ॥ डोर देश की सौंप दी, क्यों नेता के हाथ । चाहे माटी देश की, जनमानस का साथ ॥ वृद्ध जवां बच्चे… Read More

story chitrgupt

कहानी : चित्रगुप्त की चिंता

सुबह से अविनाश कश्यप के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा करता पस्त हो गया। दोपहर हो चला पर कोई निर्णय लेने में असफल रहा। अंत में सिर पर हाथ रख कर बैठ जाता है। चित्रगुप्त को परेशान में देखकर यमराज कहता है,… Read More

story antim sanskaar

कहानी : अंतिम संस्कार

अरे! राम – राम….. बड़ी दुःखद खबर है। आज भुनसारें साढ़े चार बजे कछियाने के किसान महेंद्र सिंह कुशवाहा नहीं रहे। पूरा बलदेवपुरा गाँव इन्हें ‘महिन्द कक्का’ कहकर पुकारता है। छप्पन साल की उमर में स्वर्ग सिधारे हैं महिन्द कक्का।… Read More

Women's discussion in folk songs

आलेख : लोक गीतों में नारी विमर्श

किसी भी भाषा की सशक्तता एवं समर्थता तभी निश्चित होती है, जब उसमें सूक्ष्म विचारों एवं भावनाओं को अभिव्यक्त करने की क्षमता हो। दूसरे शब्दो में कहें तो — माधुर्य, सरसता और प्रांजलता भाषा के श्रेष्ठ गुण हैं। लोक-साहित्य इन… Read More

old love letter

कविता: पुराने खत

वर्षों पहले पत्र लिखे थे, लगता जैसे ही कल है । प्यार छिपा था उनमें पावन, जैसे गंगा का जल है ।। शब्द-शब्द में सूरत तेरी, भाव सुवासित अनुपम है । जिसकी उपमा करेगा कैसे, पारिजात भी गुमसुम है ।।… Read More

roti banati meri maa

कविता : रोटी की परिधि में

तवे की तेज आँच में जलती हुई रोटी, और हाथ की गदोरिया दोनों माँ की हैं। चौके और बेलन के बीच लिपटे हुए आंटे की तरह आज भी कुछ सवाल घूम रहे हैं एक परिधि में रोटी की तरह एक… Read More