khuda

ग़ज़ल : ख़ुदा का दर्जा क्या खाक होता

मोहब्बत के बिना रहना,क्या खाक होता यूं ज़िंदगी में जोश भरना,क्या खाक होता गर न होते दुनिया में,सुख दुःख के पचड़े, तो फिर अश्कों का झरना,क्या खाक होता गर न होती किसी के जिगर में,ये बेचैनियां, तो ज़िंदगी जीने का… Read More

jivansangini

कविता : संगिनी का साथ

मैं अब कैसे बतलाऊँ, अपने बारे में लोगों। कैसे करूँ गुण गान, अपने कामों का मैं। बहुत कुछ सीखने को, मिला मुझे यहाँ पर। तभी तो निकाल दिये, जीवन के 28 वर्ष।। मिला सब जीवन में जो भी चाहा था… Read More

prashan

कविता : प्रश्न का उत्तर प्रश्न

न दिल भरता है न प्रभु मिलता है। बस चारों तरफ अफरातफरी का माहौल है।। न प्रश्न बचे है न उत्तर मिले है। प्रश्नों पर प्रश्न ही लोगों ने खड़े किये है।। न समानता पहली थी और न आज है।… Read More

karwachuth

कविता : करवाँ चौथ

टकटकी नयनों को और मन को हैं विश्वास बेसबब सा छत पर कोई हो रहा बेकरार आज सुना आसमां भी ले रहा इम्तिहान हैं छुपा के अपनें अंक में,करवा रहा इंतजार, चाँद जैसे बादलों के बीच कहीं खो गया सितारों… Read More

kasaai

मूवी रिव्यू : आम फ़िल्म नहीं है कसाई

जब आप यह नाम सुनते है तो दिमाग में एक चित्र उभरता है कि एक व्यक्ति के हाथ में एक धारदार हथियार है जो जानवरों को काटने का काम भी आता है लेकिन यहाँ जानवरों को मारने वाले कसाई को… Read More

prem

कविता : प्रेम

माँ-बाप का प्रेम जग में सबसे अनमोल बच्चों की छोटी छोटी खुशियों में ढूँढें जो अपनी ख़ुशी उनकी खुशियों के लिए छोड़ दें जो अपनी सारी खुशियाँ। कभी बन जाते गुरु हमारे कभी बन जाएँ दोस्त अच्छे-बुरे का पाठ सिखाते… Read More

zindagi

कविता : जिंदगी क्या है

फूल बन कर मुस्कराना जिन्दगी है मुस्कारे के गम भूलाना जिन्दगी है मिलकर खुश होते है तो क्या हुआ बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है।। जिंदगी जिंदा दिलो की आस होती है। मुर्दा दिल क्या खाक जीते है जिंदगी।… Read More

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कविता : डर नहीं अब राम का

राम थे महान इसलिए करते है उनका सदा गुण गान। राम थे मर्यादा पुरूषोत्तम इसलिए शक्तिशाली थे। राम थे विष्णु के अवतार इसलिए पृथ्वीवासियों के दुख हरने आये थे। बातें राम की करते है नहीं अपनाते उनका आचरण। बस राम… Read More

mai pita nahin

कविता : कैसे कहूँ पीता नहीं

कैसे कह दूं कि मैं पीता नही हूँ। रोज जीने के लिए मैं पीता हूँ। जिंदगी में इतना सहा है हमने। न पीते तो कब के मर गए होते।। बड़ी ही जालिम है ये दुनियाँ। छेड़े बिना लोग रह नहीं… Read More

mohabbat

ग़ज़ल : ख़ुदी से ज़िदगी में एक भूल कर बैठे

ख़ुदी से जिंदगी में एक भूल कर बैठे वफ़ा-ए-इश्क़ मे ख़ुद को फ़ुज़ूल कर बैठे ये सोचते थे कि खुशबू कभी तो आएगी ख़िज़ाँ के मौसमों में ये मलूल कर बैठे यही तो होना था अंजाम आज़माने का, तबाह कर… Read More