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धोखे से पाई सफलता क्या सच में सफलता है? चांद बुलंदी पे है फिर भी दाग़ तो दिखता है रोज़ उसे ही लिखा मैंने कश्मकशीं देखों. इश्क़ मेरा वो किसी ओ को ही समझता हैं इश्क़ को मैंने जवानी का… Read More
मिले जितने भी अब तक, मोहब्बत करने के लिए। मोहब्बत कम थी उन्हें, नजर बस पैसे पर थी। आज कल यही माहौल, जमाने में चल रहा। इसलिए अब मोहब्बत का, अहसास दिलो में नहीं बचा।। समझ पाये ही नही, किसी… Read More
पाठक टोली और शर्मा टोली में पिछले महीने वर्चस्व को लेकर जमकर मारपीट हो गई थी। मारपीट की घटना में पाठक टोली के दो और शर्मा टोली के आठ लोग घायल हुए थे। शर्मा टोली के ज़्यादा लोग घायल हुए… Read More
साहब ने एसी रूम में बैठ नो आब्जेक्शन लिख दिया चंद मिनटों में ही लकड़हारों ने मेरा वजूद मिटा दिया। दशकों तक हवा-पानी पाकर बड़ी हुई थी टहनियां। मेरे बड़े पत्ते तपती धूप में राहगीरों को देते थे छाया। बारिश… Read More
शुक्र है खुदा का कि तू अपने घर में है तू उसकी सोच जो मौत की डगर मैं है ये घूमने फिरने की चाहत को भूल जा यारा हर किसी की ज़िंदगी अधर में है ये इंसानियत नहीं सिर्फ अपनी… Read More
अब तो मेरा दर्द भी, सबको मज़ाक लगता है मेरा तो अब रोना भी, सबको मज़ाक लगता है कर देते हैं कभी दोस्त ज़िक्र मेरे हालात का, यारों का ये जज़्बा भी, सबको मज़ाक लगता है भला इस बेखबर दुनिया… Read More
रंगों की होती है राजनीति आखिर किसने बनाया काले रंग को शोक का प्रतीक और सफेद को शांति का काला मुझे तो बहुत भाता है काली शर्ट काली टी शर्ट और काली पैंट काले लोग मुझे उतने अच्छे नहीं लगते… Read More
मेरे भी दिल मे अभी, उम्मीदे बहुत बाकी है। बस सभी का साथ चाहिए। पर्यावरण को बचाने के लिए । इंसानों का साथ चाहिए। जो हर मोड़ पर साथ दे, इसे बचने के लिए।। तप्ती हुई इस धूप में, शीतल… Read More
बचपन से किशोरावस्था तक, जब हम किसी भी पशु-पछी को बस एक उपभोग की चीज़ मानते थे, दर्द से कोई वास्ता नहीं था तब-तक उनकी चीर फाड़, निगल जाने को भी कभी ग़लत नहीं माना, न ही कभी कोई कष्ट… Read More