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गीत : रिश्ते में बंधे

तेरे आने का मुझको, बहुत इंतजार रहता है। तेरे जाने का मुझको, बहुत गम भी होता है। ये आना और जाना, बंद हो सकता है? अगर बंध जाये दोनों एक पवित्र रिश्ते में।। मोहब्बत करना और निभाना, बहुत बड़ी चुनौती… Read More

दिशाहीन छात्र राजनीति

राष्ट्र के रचनात्मक प्रयासों में किसी भी देश के छात्रों का अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान होता है। समाज के एक प्रमुख अंग और एक वर्ग के रूप में वे राष्ट्र की अनिवार्य शक्ति और आवश्यकता हैं। छात्र अपने राष्ट्र के कर्णधार… Read More

कविता : शब्दों का महत्व

शब्दों के प्रयोग से महकता है आपका जीवन। शब्दों के प्रयोग से ही बनते है प्रशंशक। शब्दों के उपयोग से समझ आते है पढ़े लिखे। शब्दों और वाणी से बना सकते हो माहौल। शब्दों के बिना निराधार है आपका मनुष्य… Read More

कविता : कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष

(1) कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष शिक्षा से रहे ना कोई वंचित संग सभी के व्यवहार उचित रहे ना किसी से कोई कर्ष कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष भले भरत को दिलवा दो सिंहासन किंतु राम भी वन… Read More

कविता : अंतर्द्वंद-अन्तर्मन

अन्तर्मन अंतर्द्वंद, अंतर्द्वंद क्षितिज-मन। सूर्य-किरण ठिठुर , हलचल-मन कठोर। क्षण-क्षण आशा, की दृश्य-विभोर। व्याकुल-दृष्टि, नेत्र-रिक्त। ग्रीष्म-शीत-वर्षा, ग्रीष्म-शीत-वर्षा, वर्षा-वर्षा-वर्षा। हर क्षण समझा, त्रुटि वही फिर दोहरा। क्षमा-याचना….. क्षमा, ना श्रुति ना शब्द। ग्रीष्म-शीत-वर्षा ये नहीं मौसमी वर्षा, अब कुछ नहीं कहना।… Read More

कहानी : भोर की प्रतीक्षा

आज प्लेटफार्म पर कुछ ज्यादा ही भीड़ थी, शायद कोई रैली जा रही थी ..पटना, लोग दल के दल उमड़े चले आ रहे थे, हाथों में झंडे, छोटे बड़े झोले, गठरियाँ लादे  हुए …मुफ्त में यात्रा कर ,कुछ रूपये बचाने … Read More

कविता : मजाक न बनाये

तेरी यादों को अब तक,  दिल से लगाये बैठा हूँ। सपनों की दुनियाँ में, अभी तक डूबा हुआ हूँ। दिल को यकीन नही होता, की तुम गैर की हो चुकी हो। और हक़ीकत की दुनियाँ से, बहुत दूर निकल गई… Read More

ग़ज़ल : किसी की मोहब्बत में

किसी की मोहब्बत में खुद को मिटा कर कभी हम भी देखेंगे  अपना आशियां अपने हाथों से जला कर कभी हम भी देखेंगे ना रांझा ना मजनूं ना महिवाल बनेंगे इश्क में किसी के  महबूब बिन होती है ज़िंदगी कैसी… Read More

गीत : यादों के सहारे

पुरानी यादों के सहारे, जिये जा रहा हूँ मैं । तुझे याद है कि नहीं, मुझे कुछ पता नही। तेरी बेरुखी अब मुझसे, नहीं देखी जा रही। तुझे कुछ पता है कि मैं कैसे जी रहा तेरे बिना।। मुझे मालूम… Read More

कविता : दिल की चाहत

दिल की चाहत कल भी तुम थे आज भी तुम हो मेरी ज़रूरत कल भी तुम थे आज भी तुम हो तुमने तो मुझे कबका भुला दिया मेरी आदत कल भी तुम थे आज भी तुम हो तुमने न जाना… Read More