न राम चाहिए,
न श्याम चाहिए।
हम लोगो को तो,
कोरोना से निजात चाहिए।
है कोई ऐसा मंत्र,
अब तांत्रिकों पर।
जो इसका बीमारी का
इलाज कर सके।।
भविष्यवाणी करने वालो,
कहा पर तुम सब सो गये।
क्या अब कोरोना के बारे,
अपना मुंह खोलोगे।
ये फिर से देशवासियों की
भावनाओं से तुम खेलोगे।
और फिर से गंन्थों की
बाते तुम लोगो से बोलोगे।।
जब कहर ढा रही,
देश में ये बीमारी।
इसमें भी राजनीति,
तुम सब कर रहे हो।
अरे कुछ तो शर्म करो,
देशवासियों पर रहम करो।
क्या क्या नही दिया,
देश की जनता ने।
फिर भी उसी की
भावनाओं से खेल रहे हो।।