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पशुओं से बलात्कार : एक मानसिक विकार

अगर मैं कहूं कि बलात्कार एक मानुषिक प्रवृत्ति है तो शायद आप इसे मनुष्य का अपमान समझेंगे। लेकिन अगर आप इसे पाशविक प्रवृत्ति कहेंगे तो यह पशु का अपमान होगा, क्योंकि कोई पशु बलात्कार नहीं करता। नवजातों से, नाबालिगों से,… Read More

व्यंग्य : मेरा वो मतलब नहीं था

“जामे जितनी बुद्धि है,तितनो देत बताय वाको बुरा ना मानिए,और कहाँ से लाय” देश में धरना -प्रदर्शन से विचलित ,और अपनी उदासीन टीआरपी से खिन्न फिल्म इंडस्ट्री के कुछ अति उत्साही लोगों ने सोचा कि तीन घण्टे की फिल्म में… Read More

ग़ज़ल : मानव ही मानवता को शर्मसार करता है

मानव ही मानवता को शर्मसार करता है  सांप डसने से क्या कभी इंकार करता है  उसको भी सज़ा दो गुनहगार तो वह भी है जो ज़ुबां और आंखों से बलात्कार करता है तू ग़ैर है मत देख मेरी बर्बादी के… Read More

कविता : मेरा मन

ना जाने कहां पड़ा है कहीं रखकर भूल गई हूं शायद एक मन था जो मेरे पास हुआ करता था जाने कहां गया मिलता ही नहीं   वैसे… मैंने कोशिश भी कहां की उसे ढूंढने की गृहस्थी की जिम्मेारियों से… Read More

गीत : कर्तव्य

दीये का काम है जलना। हवा का काम है चलना। जो दोनों रुठ जाएंगे। तो मिट जाएगी ये दुनियाँ ।। गुरु का काम है शिक्षा देना। शिष्य का काम शिक्षा लेना। जो दोनों भटक जाएंगे। तो दुनियाँ निरक्षक हो जायेगी।।… Read More

साल 2019 की फ़िल्में : कौन कितने पानी में ?

साल 2019 में लगभग 100 से भी ऊपर फ़िल्में रिलीज हुई। कुछ बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाती नजर आई तो कुछ ने दिलों में जगह बनाने की कोशिश की। आज हम साल 2019 की कुछ ऐसी ही चुनिंदा फिल्मों की… Read More

कविता : जुबा से निकलेगा

आज कल कम ही नजर आते हो। मौसम के अनुसार तुम भी गुम जाते हो। कैसे में कहूँ की तुम मुझे बहुत याद आते हो।। दर्द दिल में बहुत है किस से व्या करू। हमसफ़र बिछड़ गया। अब किसका इंतजार… Read More

ग़ज़ल : बहुत याद आओगे तुम

जुबां से कहूं तभी समझोगे तुम इतने भी नादां तो नहीं होगे तुम अपना दिल देना चाहते हो मुझे मतलब मेरी जान ले जाओगे तुम भड़क उठी जो चिंगारी मोहब्बत की फिर वो आग ना बुझा पाओगे तुम इश्क में… Read More

भजन : राम भक्त हनुमान

जो खेल गये प्राणों पर, श्रीराम के लिए। एक बार तो हाथ उठा दो, मेरे हनुमान के लिए।। सागर को नाक के इसने, सीता का पता लगाया। प्रभु राम नाम का डंका, लंका में जा के बजाया। माता अंजली की… Read More

व्यंग्य : लोग सड़क पर हैं

“नानक नन्हे बने रहो,  जैसे नन्ही दूब बड़े बड़े बही जात हैं  दूब खूब की खूब” श्री गुरुनानक देव जी की ये बात मनुष्यता को आइना दिखाने के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। ननकाना साहब में जिस तरह गुरूद्वारे को घेर… Read More