अगर मैं कहूं कि बलात्कार एक मानुषिक प्रवृत्ति है तो शायद आप इसे मनुष्य का अपमान समझेंगे। लेकिन अगर आप इसे पाशविक प्रवृत्ति कहेंगे तो यह पशु का अपमान होगा, क्योंकि कोई पशु बलात्कार नहीं करता।

नवजातों से, नाबालिगों से, युवतियों से, वृद्धाओं से, यहां तक कि लाशों से बलात्कार की खबरें आती रही हैं। अभी हाल ही में मधेपुरा जिला निवासी युवक मोहम्मद सिमराज ने पटना में एक गर्भवती बकरी से बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। आरोप है कि बलात्कार के कुछ देर बाद ही गर्भवती होने के कारण बकरी की मृत्यु हो गई। आरोप यह भी है कि घटना के वक्त आरोपी युवक शराब के नशे में था, जबकि बिहार में शराबबंदी है।
यह कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे कई मामले काफी लंबे समय से आते रहे हैं जब इंसानों द्वारा पशुओं के साथ बलात्कार किया गया है। इन मामलों में धारा 377 एवं एनिमल क्रूएलिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाता है।
किसी इंसान और जानवर के बीच इंटरकोर्स को बेस्टिएलिटी कहते हैं। भारत में यह एक दंडनीय अपराध है। बेस्टिएलिटी एक तरह की यौन हिंसा है जिसमें किसी पशु का इस्तेमाल यौन संतुष्टि के लिए किया जाता है।
यह एक प्रकार का मानसिक विकार है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई, ऐसे शख्स का उचित ईलाज एवं समाज में जागरूकता से ही फायदा हो सकता है।

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