जब खोदा कुआँ तूने, तो मेरी ख़ता क्या है। गिरे भी तुम खुद ही, तो मेरी ख़ता क्या है। न समझे कभी तुम मोहब्बत का मतलब, दिखाएँ लोग नफ़रत, तो मेरी ख़ता क्या है। गुलशन को रौंद कर बहुत खुश… Read More
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फ़िल्म समीक्षा : गुलाबो सिताबो
कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में गुलाबो सिताबो पहली फ़िल्म बन गई है जो सीधा ओ टी टी प्लेटफॉर्म (अमेजन) पर रिलीज की गई है। अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की यह फ़िल्म पिछले काफी समय से चर्चित रही है… Read More
फिल्म समीक्षा : शतरंज के खिलाड़ी 1977
शतरंज के खिलाड़ी प्रेमचन्द की वह कहानी है, जिसमें उन्होंने डलहौजी की हड़प नीति का शिकार बनते अवध की कहानी को दर्शाया है, जो अवध के नवाब वाजिद अली शाह के नेतृत्व में ऐशो आराम में बेफिक्र होकर सोया हुआ… Read More
पुण्यतिथि पर विशेष : गजल गायकी के बेताज बादशाह मेहदी हसन
गजल गायकी में मेहदी हसन का वही स्थान है जो हीरों में कोहिनूर का। मेहदी हसन खानदानी कलाकार हैं। वे कलावंत संगीत घराने की 15 पीढ़ी में जन्मे थे। विरासत में मिली गायकी की प्रतिभा को मेहदी ने निरंतर रियाज… Read More
कविता : लेखा जोखा
हनन और दमन तुम दूसरों का कर रहे हो। उसकी आग में अपने भी जल रहे हैं। कब तक तुम दुसरो को ररुलाओगें। एक दिन इस आग में खुद भी जल जाओगों। और अपने किये पर बहुत पषताओगें। पर उस… Read More
ग़ज़ल : अब तू ग़ैर है
मैं जानता हूँ कि अब तू ग़ैर है मुझे जीना भी तेरे बग़ैर है फिर भी मोहब्बत है तुझसे मेरे दिल को मुझसे ही बैर है बसा रखा है तुझे इन आँखों में मेरा मन ही बना मेरा दैर है… Read More
संस्मरण : परख
तुम देवी हो या चुड़ैल..? मै मानता हूं तेरा गुनाहगार हूं. तुम आज वर्षो बाद मिल रही हों. तुम्हें मुझसे कई सारी शिकायते हो रही है कि- “मैं कहा करता था कि तुम मेरी लिए देवी हो. मै तुम्हारें सिवाय… Read More
कविता : मनुष्य क्या है
संजय कहता है, की खुद”को I खुद के अंदर, ही सर्च करो I अपने कर्माें पर भी, कभी तो रिसर्च करो। तभी हमें जीवन का, सही मूल्यांकन मिलेगा। हम कितने सही और, कितने गलत हैI यही पर हमें और, आप… Read More