जीते-जागते निकल जाता हूँ द्वन्द्व के दुर्गम मार्ग को, युद्ध होता है विचारों के विशाल अवनि पर जीत है, हार है स्वीकार है, तिरस्कार है निंदा-स्तुति है, मान-अपमान है मानव के इस जग में, अंतरंग के संगम क्षेत्र में समेटकर… Read More

जीते-जागते निकल जाता हूँ द्वन्द्व के दुर्गम मार्ग को, युद्ध होता है विचारों के विशाल अवनि पर जीत है, हार है स्वीकार है, तिरस्कार है निंदा-स्तुति है, मान-अपमान है मानव के इस जग में, अंतरंग के संगम क्षेत्र में समेटकर… Read More
बच्चों के टॉप टेन फिल्मी गाने- 1. गाना: चुन चुन करती आई चिड़ियाँ फिल्म: अब दिल्ली दूर नहीं, वर्ष: 1957, गीतकार: हसरत जयपुरी 2. गाना: लकड़ी की काठी फिल्म: मासूम, वर्ष:1983, गीतकार: गुलज़ार 3. गाना: नानी तेरी मोरनी को मोर ले… Read More
संघर्ष दहशत से भरी दुनियाँ अजनबी से लोग, बिन पहचाने से रास्ते रसूखदारों की अपनी ही बातें नवाबी कारण कार्य बिना नाम पहचान नहीं व्यस्तता का एक राग अलाप न जाने इंसान गढ़ा था खुदा ने बन गए यहां सभी… Read More
द्वितीय रूप तो अति कोमल, मधुर, स्वभाव है !! राम, कृष्ण, गौतम, तुलसी हो, हो कबीर की नाना चौकी ! नारी ने वो पाठ – पढ़ाया, जिसे आज तक किसी ने न भुला पाया !! ऐसी बेटी को प्रणाम है,… Read More
कोरोना की गति फिर से तेज है बुलेट ट्रेन की स्पीड लिए है।। बिना मास्क के पहने लोग इसे हरी झंडी दिखाए कोरोना दिन पे दिन बढ़ता जाए।। कोरोना की दूसरी लहर का खौफ बढ़ता जाए दिन दोगुनी उन्नति करता… Read More
एक अक्षर का शब्द है माँ, जिसमें समाया सारा जहाँ। जन्मदायनी बनके सबको, अस्तित्व में लाती वो। तभी तो वो माँ कहलाती, और वंश को आगे बढ़ाती। तभी वह अपने राजधर्म को, मां बनकर निभाती है।। माँ की लीला है… Read More
तुम्हें अब उठना होगा नारी,क्यों तू हारी तोड़ चुप्पी अपनी आवाज़ उठानी होगी बहुत सह लिया तुमने अब नहीं सहेगी बहुत जिया अपनों के लिए तुम्हें अब अपने लिए भी जीना होगा…. देखा जाएगा जो भी होगा यह ख़ुद… Read More
तुम्हें कैसे रंग लगाएं, और कैसे होली मनाएं ? दिल कहता है होली, एक-दूजे के दिलों में खेलो क्योंकि बहार का रंग तो, पानी से धुल जाता है पर दिल का रंग दिल पर, सदा के लिए चढ़ा जाता है॥… Read More
सब हित मीत हमजोली हो प्यार इश्क़ की बोली हो ग़र मिल जाये भूले भटके तब समझो पर्व ये होली हो उसे हर रंग गुलाल अबीर हो सब अल्हड़ मस्त फ़क़ीर हो हर गम से दूर, कबीर हो ख़ुशियों से… Read More
ब्रजमंडल का अनूठा महोत्सव होली का पर्व निराला प्रकृति में एक नयी मादकता है जागी।। रोम-रोम में मस्ती छाई घर-घर में गुलाल लाई।। होली आई रंगो का त्यौहार लाई रंग गुलाल उड़ाएंगे होली हम सब मिल मनाएंगे।। रंग गुलाल से… Read More