“एक सामान्य स्त्री जो मर्यादा, सीमाओं, इज्जत और कर्तव्यों के ऐसे चक्रव्यूह में होती है जिसे पार करना असंभव सा प्रतीत होता है, फिर भी उसकी आकांक्षाएं उसे उस चक्रव्यूह के पार सोचने के लिए मजबूर करती है और यह… Read More

“एक सामान्य स्त्री जो मर्यादा, सीमाओं, इज्जत और कर्तव्यों के ऐसे चक्रव्यूह में होती है जिसे पार करना असंभव सा प्रतीत होता है, फिर भी उसकी आकांक्षाएं उसे उस चक्रव्यूह के पार सोचने के लिए मजबूर करती है और यह… Read More
“और इस तरह आज फिर से एक मजदूर ने बिना अपने घर की दहलीज छूए रास्ते में ही दम तोड़ दिया । इन मजदूरों की मौत का जिम्मेदार कौन? ये कोरोना वायरस, ये गरीबी, या फिर हमारी ये असंवेदनशील सरकार… Read More
बुधुआ ने सुना कि रेपो रेट में हो गई है कटौती अब कम हो जाएगी ईएमआई गांव के मास्टर साहब से पूछेगा वह उसका मायने उसे ग्रोथ रेट भी जानना है और यह भी जानना है कि एम एस एम… Read More
अलग नहीं हो तुम कभी मुझे से न मैं हूँ कभी अलग तुम से पारस्परिक सहयोग से चलती है जिंदगी अंतिम सांस तक अकेला कोई जी नहीं सकता सह अस्तित्व है प्रबल शक्ति। भेद – विभेद की रचना में अपने… Read More
अब तो संभल जा इन्सान सचेत कर रहा है भगवान देख ले धरती पे ये अजाब गुनाहों से तौबा कर इन्सान डर भी लगता है कोरोना से अपनी फितरत को तो पहचान मन में खोट फिर बुरा सोच क्यूं खुदा… Read More
अपने कमरे की दरारों को तस्वीरों से ढांककर मैंने बनाए तुम्हारे लिए महल चिकनी दीवारें और चमकते फर्श तुम्हारी कारों के लिए पथरीले रास्तों को बदल दिया समतल सड़कों में पार्क, माल, क्या नहीं बनाए तुम्हारे खुश रहने तुम्हे तुम… Read More
तलवार से नहीं किसी भी वार से नहीं. ख़ामोश इश्क़ मिटता है हथियार से नहीं. मैंने ये तो नहीं कहा तुम इश्क़ मत करो. गर तुम करो इश्क़ तो अधिकार से नहीं. देखूं मैं ख़्वाब में तुम्हें मतलब तो… Read More