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तलवार से नहीं किसी भी वार से नहीं.   
ख़ामोश इश्क़ मिटता है हथियार से नहीं.

मैंने ये तो नहीं कहा तुम इश्क़ मत करो.
गर तुम करो इश्क़ तो अधिकार से नहीं.

देखूं मैं ख़्वाब में तुम्हें मतलब तो भी नहीं.
तुम रोज़ आती तो हो मगर प्यार से नहीं.

दीदार तेरा जिस किसी भी दिन हो जाता है.
उसका मुक़ाबला किसी त्यौहार से नहीं.

गर तुम किसी से इश्क़ करो तो सुनो डरो.
इज़हार से नही मिले इक़रार से नहीं.

खुशियां दे कर सभी के सभी ग़म चुरा लिया.
जो चोर देखे थे वो मेरे यार से नहीं.

गर सच ही जानना हैं तुम्हें देखो तो ज़रा.
इस पार से दरिया के उस पार से नहीं.

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