लगाकर दिल तुम अपना, फिर मुँह मोड़ा न करो। किसी के दिल से तुम, इस तरह खेला न करो। मिले थे दिल हमारे, तभी तो साथ हुए थे। पर अब क्या हुआ तुमको, जो रूठ गये हम से।। बड़ी बड़ी… Read More

लगाकर दिल तुम अपना, फिर मुँह मोड़ा न करो। किसी के दिल से तुम, इस तरह खेला न करो। मिले थे दिल हमारे, तभी तो साथ हुए थे। पर अब क्या हुआ तुमको, जो रूठ गये हम से।। बड़ी बड़ी… Read More
किसी भी कहानी को लिखने के लिए लेखक के पास सबसे अहम चीज जो होनी चाहिए ; वह है उसके पात्र। बिना कहानी के पात्रों के आप या हम किसी भी कहानी की सर्जना नहीं कर सकते। हालांकि साहित्यिक कैटेगरी… Read More
सुखविंदर सिंह बॉलीवुड के एकमात्र गायक हैं जिनके गाए गीत जय हो हॉलीवुड का सबसे बड़ा पुरस्कार ऑस्कर मिला है। इसके साथ ही गुलज़ार के लिखे गए और एआर रहमान की धुन में सजे इस गाने को म्यूजिक के क्षेत्र… Read More
रॉबर्ट ब्लॉच ने सन 1959 में मनोवैज्ञानिक थ्रिलर उपन्यास साइको (Psycho) लिखा था, जो आश्चर्यजनक ढंग से उसी दौरान या उपन्यास लेखन के बाद अमेरिका में घटी कुछ मल्टी पर्सनॉलिटी डिसऑर्डर या डिसोसियेटिव पर्सनॉलिटी डिसऑर्डर या हिन्दी में बहु व्यक्तित्व… Read More
खो न जाऊँ कहीं, अपनों के बीच से। इसलिए लिखता हूँ, गीत कविता आपके लिए। ताकि बना रहे संवाद, हमारा आप के साथ। और मिलता रहे सदा, आप सभी का आशीर्वाद।। दिल में जो आता है, मैं वो लिख देता… Read More
कल रात जब वो आई थी घर मेरे तब होने लगी थी बेमौसम बारिश सिर्फ़ संयोग था बादलों का बरसना या थी कुदरत की वह एक साज़िश। मिली थी वह मुझसे पिछले बरस ही पर हम अब तक मिल ना… Read More
श्रम की मूरत, छली गई है अलग अलग के दौर में जब संकट आया भू, पर मलाई उड़ाई किसी और ने छलिया है चालाक बहुत पल में गुस्सा पल में आँसू हँस- हँसकर बातें करता अंदर बाहर में चेहरा लटका… Read More
“लिखना, प्रामाणिक पढ़ते रहने का सुबूत है।” – शैलेंद्र कुमार शुक्ल अच्छा! बात तो ये भी सच है कि स्वर्गीय दादा गोपालदास ‘नीरज’ प्रत्येक गँवई शहरी ज़िन्दगी के प्रत्येक गली घर के -चौराहे से लेकर इस देश के संसद में… Read More