bhasa-2023

लेख : भारत की भाषा समस्या और हिन्दी

भारत देश एक बहुभाषायी और बहुसांस्कृतिक देश है। यहाँ तकरीबन 19500 मातृभाषाएँ बोली जाती हैं। लेकिन भारत की जनगणना 2011 के आँकड़ों के अनुसार 122 भाषाएँ ही ऐसी हैं जो दस हजार से ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाती हैं। देश… Read More

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लेख : विवाहिता स्त्री भाई के घोरी‌ में

ये पंक्तियां समाज के उन गौण पक्ष को इंगित करती हैं, जो समाज के समस्याओं से अलग है, जिसमें एक विवाहिता कलंकित स्त्री, पति से प्रताड़ित और छोड़ी हुई स्त्री आखिर कहां जाएंगी ? ये प्रश्न पर सब स्तब्ध हैं,… Read More

women(1)

लेख : मेरे सपनों का समाज

समाज में सच्ची दोस्ती लड़कों के बीच, लड़कियों के बीच होती है और लड़का – लड़की के बीच भी। लड़का – लड़की की दोस्ती ज्यादा सच्ची होती है। इस दोस्ती को लोग सच्चे प्यार का नाम देते हैं। मेरी दोस्ती… Read More

hindi divas

लेख : हिन्दी राष्ट्रभाषा बने

हिन्दी सीखे और सिखाएं, हो हिन्दी प्रसार । राजभाषा से राष्ट्रभाषा तक, हो हिन्दी विस्तार । हिन्दी सज्जित हो विश्व गुलिस्ता, शीघ्र ही जगत- जुबान । आओ ! अजस्र हम सहर्ष करे, अपनी हिन्दी से प्यार । हिन्दी सी कोई… Read More

lakshya

लेख : लक्ष्य

कहानी शिक्षा व्यवस्था में  व्याप्त अनियमता अनैतिकता अराजक व्यवस्था पर प्रहार करती है और सन्देश देती है कि किसी भी देश राष्ट्र समाज देश में  शिक्षा कि बुनियाद यादि निष्पक्ष मजबूत ईमानदार सामाजिक कल्याणकारी व्यवस्था नहीं है तो राष्ट्रीय समाज… Read More

samaj(1)

लेख : बेटी

कहानीकार  ने भारतीय समाज में बेटियो कि उपेक्षा भ्रूण हत्या बेटी बेटों में असमानता भ्रूण हत्या और उनके साथ हो रही ना इंसाफी को बड़े ही सजीव तरीके से इस कहानी के माध्यम से प्रस्तुत किया है ।साथ ही साथ… Read More

najariya

लेख : संवेदनाओं के फलक पर

भारत के माध्यम बर्गीय परिवार कि है जिसमे पति के न रहने के बाद उसकी अमानत उसकी संतानो कि परिवरिश और गिरते नैतिकता के समाज में स्वयं और पति के धरोहरों रक्षा कर पाना विधवा के लिये चुनैति और जीवन… Read More

Bhisham-Sahni

भी‍ष्म साहनी – एक सांस्कृतिक चेतना पुरू‍ष

भी‍ष्म साहनीजी के स्मरण मात्र से उनकी कालजयी रचना “तमस” की याद ताजा हो उठती है। इस उपन्यास का एक पात्र नत्थू, मुराद अली द्वारा पांच रूपये लेकर सुअर मारता है,परन्तु दूसरे दिन, वही सुअर केलेवाली मस्जिद के सामने पडा… Read More

Joint Family

लेख : चहेती

निश्चित रूप से सयुक्त परिवारों में जिन बच्चों का जन्म होता है और लालन पालन होता है उन्हें जीवन समाज रिश्तों कि कीमत भाव भावना का अनुभुव अनुभूति से साक्षात्कार होता है सयुक्त का तात्पर्य ही होता है एक दूसरे… Read More

hindi cinema bhasha

लेख : हिंदी सिनेमा में हिंदी भाषा का बदलता स्वरुप

सिनेमा भाषा के प्रचार-प्रसार का एक बहुत ही अच्छा माध्यम है। सिनेमा में हर तरह की हिंदी के लिए जगह है। फिल्म में पात्रों की भूमिका व परिस्थतियों को देखकर ही भाषा का प्रयोग किया जाता है। जिससे प्रारंभिक दौर… Read More