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ram mandir ayodhya

कविता : रामलला घर आयेंगे एक दिन

रामलला घर आयेंगे एक दिन, आस लगाये पंथ निहारे तकते व्याकुल राहें राम की, नैना बिछाए देहरी बुहारे निकट आ गई घड़ी सखी री, रामलला फिर घर आयेंगे हर घर सजे अयोध्या जैसा, राम अयोध्या धाम आयेंगे। स्वागत की ऐसी… Read More

Indian flag

गीत : हिन्दोस्तां है सबसे अच्छा

हिन्दोस्तां है सबसे अच्छा, हिन्दोस्तां है सबसे प्यारा। कसरत में इत्तिहाद रखता, ऐसा हिन्दोस्तां है हमारा।। इस देश का है जो परचम, तीन रंग को समेटे रखता। हर रंग का है ख़ास पैग़ाम, इतना तो जहाँ समझता।। हर मज़हबी लोग… Read More

ramlala abhiram

रामलला प्राण प्रतिष्ठा दिवस विशेष : रामलला अभिराम

सौभाग्य मना रहे हैं जन-जन, करके राम का गान। पूरी करके प्रतिज्ञा, समारोह प्रतिष्ठा प्राण। जन का मन प्रफुल्लित हुआ, अवध नजारा देख। भव्य बालरूप राम का, ‘अजस्र’ करें प्रणाम। राम दरबार सज गया, शोभा अति अभिराम। महापर्व श्री राम… Read More

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कविता : बीत गईं कई सदियाँ देखो

बीत गईं कई सदियाँ देखो, कितने पुरखे स्वर्ग सिधारे कब आयेंगे राम अयोध्या, कैसन जागें भाग्य हमारे सदियों से तरसी सरयू में, राम नीर बहने वाला है रामलला आ रहे अयोध्या, अँधियारा ढ़लने वाला है। करी तपस्या,दीं है आहुति, प्राण… Read More

kavita payari duniya

कविता : प्यारी दुनिया

आँखो के मिलने से ही आँखो से प्यार हो गया। अब चाहत को पाने की मुझे कोशिश करना है। और दिल को दिलसे मिलना हमको जो है। तभी तो प्यार का सागर बनाया पायेंगे हम दोनों।। बसा अब ली है… Read More

poem kha tum ja rahe ho

कविता : क्या है ये…

कहाँ तुम जा रहे हो मुझे दिवाना बनाकर। हरा क्यों दर्द तुम ने अपनी हंसी को दिखाकर। अब क्यों फिर से दर्द तुम दिये जा रहे हो। और मोहब्बत का दीप क्यों बुझाये जा रहे हो।। जब जाना ही था… Read More

sad indian farmer

कहानी : मैं भी इंसान हूँ

पति-पत्नी भोर चार बजे खाट छोड़ अपने-अपने कामों में लग जाते हैं। घासीराम खेत चला जाता है। पुष्पा घर-आँगन को झाड़ू-पोंछा करके खाना बनाती है। सात बजे तक घासीराम हाथ-मुँह धोकर घर लौट आता है। खाना खाकर साढ़े सात बजे… Read More

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कहानी : पंचायत

श्यामू पंडितजी का शूरपुरा गॉंव में सिक्का चलता है। गांव में ही नहीं; पूरे मौजे में कथा वाचते हैं, विवाह पढ़ते हैं और सारे पंडिताई के काम – काज करने के साथ – साथ खेती भी करते हैं। पंडित जी… Read More

kahni magru ki dadi

कहानी : मंगरू की दादी

मंगरू की दादी आँगन में खाट पर पड़ी रहती है। किसी का हृदय पसीजा तो खाना खाने के वास्ते बुलाते हैं। वरना, दादी खुद खाना खाने के वक्त थाली लेकर चली जाती है। वह भी एक बार सुबह और रात… Read More

waiting for mansoon

कहानी : निगाहें आसमान की ओर

राँची शहर खुश-मिज़ाज मौसम के लिए जाना जाता है। जेठ मास की अंतिम सप्ताह तक बारिश न होने के कारण आधे से अधिक बोरिंग सूख गया। सोसाइटी वाले बोरिंग तत्काल खोदवा लेते हैं। बोरिंग गाड़ी रात-दिन बोरिंग खोदता रहा। पर… Read More