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लेख : विश्वास

कभी कभी इंसान कुछ इस तरह के काम कर जाता है जो जीवन के लिए यादगार बन जाता है और ता उम्र उसे भूल नहीं पता है। दोस्तो वैसे तो विश्वास आज के जमाने मे लोग किसी पर भी नहीं… Read More

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कविता : अभिमान के कारण

मान अभिमान के कारण में, उजड़ गए न जाने कितने घर। हँसते खिल खिलाते परिवार, चढ़ गये इसकी भेंट। फिर न मान मिला, न ही सम्मान मिला। पर आ गया अभिमान, जिसके कारण रूठ गये परिवार।। हमें न मान चाहिए,… Read More

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कविता : देश के राज्यों की विशेषता

सुनों सुनता हूँ तुमको देश की कहानी। जिसमें हैं 29 राज्यों का समावेश। राज्यों कि भी है अपनी अपनी कहानी। कोई विकसित है तो कोई है जंगल। पर सभी का ह्रदय है तो भारत। परंतु एकबात समान है सभी राज्यों… Read More

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कविता : हम सब के लिए

ज़माने में आये हो तो जीने की कला को सीखो। अगर दुश्मनों से खतरा है तो अपनो पे भी नजर रखना।। दुख के दस्तावेज़ हो या सुख की वसीयत। ध्यान से देखोगें तो नीचे मिलेंगे स्वयं के ही हस्ताक्षर।। बिना… Read More

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कविता : अपनी राह चुने

किताबो में पढ़ कर, रेडियो में सुन कर। कहानीयां मोहब्बत की, बड़े बूढ़ो से सुनकर। मोहब्बत करने का मन, दिल में पनापने लगा। और लगा बैठे दिल अपने, पड़ोसी की लड़की से।। अब न दिल धड़कता है, न सांसे ही… Read More

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कविता : वो मेरा आधार है

उन्हें शब्दो की माला में सजोके रखा हुआ हैं। लिखता तो मैं हूँ पर शब्द उनके होते है। गाता तो मैं हूँ पर स्वर लय उनका होता है। इसलिए मेरे गीत सदा ही प्यार मोहब्बत भरे होते हैं।। अपने दिलके… Read More

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कविता : लिखने आयेगा

जो मोहब्बत को दूर से देखता है। उसे ये बहुत अच्छी लगती है। और जो मोहब्बत करता है उसे ये जन्नत लगती है।। जिंदगी का सफर यूँ ही कट जायेगा। जीवन का उतार चड़ाव भी पुरुषात से निकल जायेगा। पढ़ना… Read More

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कविता : आज के दौर में

आज के दौर का दोस्तो क्या हाल है। आधुनिकता के नाम पर बेशर्मी का ये दौर है। न अदब न शर्म और न ही बची संस्कृति और सभ्यता। इसे ही कहते है लोग आज की आधुनिकता आज की आधुनिकता….।। इसलिए… Read More

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कविता:हिन्दी मेरी माँ

मैं हिन्दी का बेटा हूँ हिन्दी के लिए जीता हूँ। हिन्दी में ही लिखता हूँ हिन्दी को ही पढ़ता हूँ। मेरी हर एक साँस पर हिन्दी का ही साया है। इसलिए मैं हिन्दी पर जीवन को समर्पित करता हूँ।। करें… Read More

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कविता : योग दिवस

रोज सबेरे तुम सब जागो नित्य क्रियाओं से निवृत हो। फिर योग गुरु को याद करो और योग साधना तुम करो। स्वस्थ और निरोगी रहोगे तुम और एकदम सुंदर दिखाओगें। मानव शरीर का अंग व पुर्जा एक दम से तुम्हारा… Read More