हम जिन्हें चाहते है वो अक्सर हमसे दूर होते है। जिंदगी याद करें उन्हें जब वो हकीकत में करीब होते है।। मोहब्बत कितनी रंगीन है अपनी आँखो से देखिये। मोहब्बत कितनी संगीन है खुद साथ रहकर के देखिये।। है कोई… Read More
कविता : आज का दौर महान
आज का दौर कुछ अलग तरह का है। न इसमें रिश्ते और न अपनापन बचा है। चारो तरफ शोर सरावा और दिखावा है। होड़ लगी है सबमें हम सबसे श्रेष्ठ है।। मैं अपने में पूर्ण नहीं हूँ ये मुझे पता… Read More
कविता : क्षमा वाणी
समय की सीमा है अपनो का प्यार है। और अगले वर्ष का अब हमे इन्तजार है। इसलिए अब लेता हूँ आप सभी से विदा। रहेगी जिंदगी तो हम फिर आप से मिलेंगे। श्री चन्द्रप्रभु समूह में अगले पर्युषण पर्व पर।।… Read More
कविता : क्या कह कर गये थे
आज और कल में क्या है अंतर और आने वाले कल में क्या होगा। क्या इंसान इंसान को समझेगा और अपनी इंसानियत जिंदा रखेगा। और क्या एक दूसरे को ही वो अपना शिखार बनायेगा। इसकी भविष्य वाणी क्या कोई आज… Read More
कविता : माँ तेरे रूप अनेक
मन मंदिर में आन विराजो मेंहर वाली मातारानी। दर्शन की अभिलाषा लेकर आ गये हम मेंहर में। तुमको अपने दर्शन देने बुला लो हमें मंदिर में। हम तो तेरे बच्चे है काहे घूमा रही हो दुनिया में।। कितने वर्षो से… Read More
कविता : क्या है ये दुनियाँ
ये दुनियाँ बहुत सुंदर है मुझे रहना नहीं आया। ये जिंदगी बहुत खूबसूरत है मुझे इसे जीना नहीं आया। दिया क्या कुछ प्रकृति ने इसे भोगने के लिए। मगर मेरी मन में तो कुछ और चल रहा था। इसलिए छोड़कर… Read More
कविता : क्या क्या नहीं दिया तूने
अगर दर्द न होता तो खुशी की कीमत न होती। अगर चाहने से मिल जाता सब कुछ दुनियाँ में तो..। ऊपर वाले की किसी को जरूरत न होती। और खुद ही बन जाता अपना भाग्य विधाता।। भूला दो बीता हुआ… Read More
भजन : आशीर्वाद से
तेरा आशीष पाकर, सब कुछ पा लिया हैं। तेरे चरणों में हमने, सर को झुका दिया हैं। तेरा आशीष पाकर …….। आवागमन गालियां न हत रुला रहे हैं। जीवन मरण का झूला हमको झूला रहे हैं। आज्ञानता निंद्रा हमको सुला… Read More
गीत : किसान
किसान क्या होते हैं तुम गांव वालो से पूछो। ये वो शख्स होते हैं जो खाने देते सबको अन्न। किसान क्या होते हैं तुम गांव वालो से पूछो।। परन्तु इसकी झोली में नहीं मिलता उसका हक, यहीं से गरीबी का… Read More