अगर दर्द न होता तो
खुशी की कीमत न होती।
अगर चाहने से मिल जाता
सब कुछ दुनियाँ में तो..।
ऊपर वाले की
किसी को जरूरत न होती।
और खुद ही बन जाता
अपना भाग्य विधाता।।
भूला दो बीता हुआ कल तुम
दिल में बसाओं आने वाला कल।
हंसो और हँसाओं लोगों को तुम
चाहे जो भी हो पल।
खुशियाँ लेकर आयेगा
आने वाला अगला दिन।
जिससे खिल जायेगा
तुम्हारा घर आंगन।।
हमने तो मांगी थी एक कली
तुमने उतार कर हार दे दिया।
चाही थी एक धुन हमने
तुमने अपना सितार दे दिया।
झोली बहुत छोटी थी मेरी
पर तुमने तो अपरंपार दे दिया।
जिससे लोगों के सुख दुख में
काम आऊं ऐसा उपहार दे दिया।।
अंधे को मंदिर आया देख
लोग हंसकर बोले।
मंदिर मे दर्शन को आये तो हो
क्या भगवान को देख पाओगे।
तब अंधे ने कहा हँसने वालो से
क्या फर्क पड़ता है।
मेरा भगवान तो मुझे देख लेगा
दृष्टि नहीं दृष्टिकोण सही होना चाहिए।।
किस्मत ने जैसा चाहा
वैसा ढल गये हम।
बहुत सभंल के चले
फिर भी फिसल गये हम।
किसी ने विश्वास तोड़ा
तो किसी ने दिल।
और लोगों को लगा
की हम बदल गये है।।