himtaj mata

जय-जय तेरी मां हिंगलाज,
दर्शन करने आए आज ।

तेरा आशीर्वाद जो पाएं ,
भवसागर से हम तर जाएं ।
दुनिया में ज्ञान के दीप जलाएं,
तेरी अमरज्योत उजलाएं ।
उड़ते रहें पंख परवाज ।
जय-जय तेरी मां हिंगलाज ,
दर्शन करने आए आज ।

शक्तिपुंज तेरा जो चमके,
जीवन-ज्योत उजाला दमके ।
मंदिर ध्वजा तेरी जब फ़हरे,
जन-जन जय माता कह ठहरें ।
दर तेरे पहुंच बने सरताज ।
जय-जय तेरी मां हिंगलाज ,
दर्शन करने आए आज ।

मां तेरी ममता भरी है मूरत,
भोली-भोली इक तेरी सूरत ।
तेरे दर पर जो भी आया ,
पाकर दर्शन वो हर्षाया ।
गूंजे जयकारा आवाज ।
जय-जय तेरी मां हिंगलाज ,
दर्शन करने आए आज ।

मंदिर ऊँचा , छूता गगन है ,
भक्त तेरे भजनों में आज मगन हैं ।
किरपा ‘अजस्र’ पर बरसाओ ,
आकर दर्शन अब दे जाओ ।
भक्तों की तू ही तो रखती लाज ।
जय-जय तेरी मां हिंगलाज ।
दर्शन करने आए आज ।

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